छिछोरे फिल्म रिव्यु

Reading Time: 4 minutes
छिछोरे फिल्म में मुख्य स्टार कास्ट
छिछोरे फिल्म में मुख्य स्टार कास्ट

प्लॉट: यह फिल्म 7 दोस्तों के इंजीनियरिंग हॉस्टल लाइफ, हार जीत, जज्बात, मस्ती, प्यार, क्रोध और लड़ाई की कहानी पर बनाई गई है हॉस्टल के जनरल चैंपियनशिप के कंपटीशन में वह सब हार के भी जीत जाते हैं शुरुआत में एक ऐसी घटना होती है जो सबको हैरान कर देती है इस एक घटना से फिल्म शुरू होती है उसी घटना पर अंत भी हो जाता है वह क्या घटना है ? उस घटना से सभी दोस्तों की ज़िन्दगी जुडी हुई है यार सिर्फ किसी एक की ? जानने के लिए फिल्म देखे|

टोन और थीम: यह फिल्म एक इमोशनल कॉमेडी ड्रामा टोन पर आधारित है इसकी थीम हार और जीत पर है इसको बनाने का मकसद मनोरंजन के साथ साथ यह संदेश देना भी है कि सब कुछ जीत नहीं होती, हार और असफलता से भी बहुत कुछ सीख सकते है और ज़िन्दगी में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए|

एक्टिंग एंड कैरक्टर्स: एनी के रोल में सुशांत सिंह राजपूत ने अच्छा अभिनय किया है उन्होंने एक तरह से जवान और बुजुर्ग दोनों तरह के रोल को निभाने के लिए बहुत मेहनत की है और काफी हद तक वह उसमें सफल भी रहे| उनकी पत्नी और कॉलेज टाइम की गर्लफ्रेंड के रोल में माया यानी श्रद्धा कपूर ने भी अच्छा अभिनय किया है उनके लिए ज्यादा कुछ खास लंबा रोल नहीं था फिर भी जितना भी था उन्होंने अच्छे से निभाया| एनी के दोस्तों में (सेक्सा)वरुण शर्मा, (डेरेक)ताहिरराज भसीन, (एसिड)नवीन पॉलिशेट्टी, (मम्मी)तुषार पांडे, (बेवड़ा)सहर्ष कुमार शुक्ला| सबने अपने अपने रोल को अलग तरह से निभाने की पूरी कोशिश करी और काफी हद तक वह सभी इसमें सफल भी रहे| यह फिल्म किसी एक अभिनेता की नहीं है सभी की है रेग्गी के रोल में प्रतीक बब्बर ने नेगेटिव रोल निभाया है और उनका अभिनय भी अच्छा है राघव के रोल में मोहम्मद समद जो कि एनी का पुत्र है उनका अभिनय औसत दर्ज़े का है|

डायरेक्शन: इस फिल्म को नितेश तिवारी ने निर्देशित किया है उनके निर्देशन में यह फिल्म बहुत अच्छी बन पड़ी है नितेश तिवारी कोई परिचय के मोहताज नहीं है इससे पहले वह चिल्लर पार्टी(2011), भूतनाथ रिटर्न्स(2014 ) दंगल(2016) का निर्देशन कर चुके है और निल बट्टे सन्नाटा(2016) बरेली की बर्फी(2017) जैसी फिल्मों की कहानी-पटकथा-डायलॉग्स लिख चुके है यह सभी फिल्में उनकी या तो कमर्शियल सफल है या फिर critically aclaimed है वह बहुत ही मंजे हुए निर्देशक है इस विषय पर एक अच्छी फिल्म नितेश तिवारी से ही एक्सपेक्ट की जा सकती है और उनकी हर डिपार्टमेंट में मजबूत पकड़ है

कहानी-पटकथा-डायलॉग्स: नितेश तिवारी, निखिल मेहरोत्रा, पीयूष गुप्ता ने लिखे हैं कहानी में बहुत दम है

पटकथा भी बहुत मजबूत है डायलॉग भी बहुत अच्छे से लिखे गए हैं और फिल्म की USP है |

साउंड डिज़ाइन:शाजीथ कोयरी, सविता नंबराथ का साउंड डिज़ाइन ठीक है|

कास्टूम डिज़ाइन: रोहित चतुर्वेदी ने सभी कलाकारों के कस्टूमएस ने अलग तरह से डिज़ाइन किये है

प्रोडक्शन डिज़ाइन: लक्ष्मी कलुस्कर का प्रोडक्शन डिज़ाइन भी बढ़िया है |

कोरियोग्राफी: बॉसको सीजर की कोरियोग्राफी सभी गीतों की बढ़िया है|

म्यूजिक: प्रीतम संगीत भी ठीक-ठाक है कुछ गीत अच्छे बन पड़े हैं जैसे कैफियतअरिजीत सिंह की आवाज़ में बहुत ही मधुर और सुरीला गीत बन पड़ा है और इस गीत को आप बार बार सुन सकते है, वो दिन (फिल्म वर्जन) गीत भी तुषार जोशी की आवाज़ में मस्ती भरा और हल्का फुल्का है, इसके आलावा कल की ही बात है गीत के के की आवाज़ में जो कि इमोशनल टच लिए हुए सुन सकते है|

लिरिक्स: अमिताभ भट्टाचार्य के लिखे हुए सभी गीतों में कुछ न कुछ नयापन है|

बैकग्राउंड स्कोर: समीरउद्दीन का बैकग्राउंड स्कोर ठीक ठाक है|

सिनेमैटोग्राफी: अमलेंदु चौधरी ने सिनेमेटोग्राफी भी अच्छे से की है

एडिटिंग: चारु श्री राय की एडिटिंग की गति धीमी है और लंबाई थोड़ी सी कम हो सकती थी

फिल्म कही कही पर बोर भी करती है

एक्शन: सुनील रोड्रिगुएस के एक्शन कुछ खास नहीं है|

क्लाइमेक्स: फिल्म का क्लाइमेक्स अच्छा बन सकता था जो की नहीं बना|

फिल्म 3 इडियट्स(2009)की याद ताजा कर देती है

ओपिनियन: युवा लोग अपनी कॉलेज की पुरानी यादों को इस फिल्म के जरिये ताज़ा कर सकते है|

Flaws: एनी और माया का तलाक़ कैसे और क्यों हुआ इसके बारे में नहीं बताया, क्लियर नहीं है, बुजुर्गों के मेकअप में सुशांत सिंह राजपूत बिल्कुल भी बुजुर्ग नहीं दिखे मेकअप थोड़ा और अच्छे से हो सकता था, सभी कलाकारों के जो बुजुर्गों के मेकअप में है अच्छे से नहीं किये गए| 10 से 15 मिनट की फिल्म छोटी हो सकती थी पर फिर भी इसको ignore किया जा सकता है फिल्म में Study classes पर बिल्कुल भी फोकस नहीं किया गया है|

सोशल मैसेज: यह फिल्म हमें एक सामाजिक मैसेज भी देती है की हार या असफल होना ही सब कुछ नहीं है कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती| परीक्षा में नंबर और रैंक लाना ही सब कुछ नहीं होता| रिश्ते नाते प्यार भी कुछ होता है बच्चों से प्यार करना भी जरूरी है मां बाप को बच्चों पर कभी भी दबाव नहीं डालना चाहिए कि एग्जाम्स में टॉप करो अच्छी रैंक लाओ, इसके अलावा भी जिंदगी में बहुत कुछ करने के लिए है|

CBFC-U/A Movietime: 2h25m Genre: Comedy Emotional Drama Release: 6 September 2023

फिल्मकास्ट: सुशांत सिंह राजपूत, श्रद्धा कपूर, वरुण शर्मा, प्रतीक बब्बर, ताहिर राज भसीन

नवीन पॉलिशेट्टी, तुषार पांडे, सहर्ष कुमार शुक्ला, मोहम्मद समद

नेशनल अवार्ड: फिल्म को बेस्ट हिंदी फीचर फिल्म का अवार्ड मिला है

65th फिल्मफेयर अवॉर्ड नॉमिनेशंस: फिल्म को 5 नॉमिनेशंस मिले थे, बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट एडिटिंग, बेस्ट स्टोरी, और बेस्ट डायलाग और एक भी अवार्ड जीतने में कामयाब नहीं रही|

प्रोडूसर: साजिद नाडियाडवाला, डायरेक्टर: नितेश तिवारी, म्यूजिक: प्रीतम, लिरिक्स: अमिताभ भट्टाचार्य

साउंड डिज़ाइन: शाजीथ कोयरी, सविता नंबराथ, बैकग्राउंड स्कोर: समीरउद्दीन, एडिटर: चारु श्री राय

कास्टूम डिज़ाइन: रोहित चतुर्वेदी, प्रोडक्शन डिज़ाइन: लक्ष्मी कलुस्कर, सिनेमेटोग्राफी: अमलेंदु चौधरी

कोरियोग्राफी: बॉसको सीजर, स्टोरी-स्क्रीनप्लेडायलॉग्स: नितेश तिवारी, निखिल मेहरोत्रा, पीयूष गुप्ता

एक्शन: सुनील रोड्रिगुएस, कास्टिंग डायरेक्टर: मुकेश छाबड़ा

2 thoughts on “छिछोरे फिल्म रिव्यु”

Leave a Comment

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Share your thoughts about my content or service. Let me know what you liked or what could be improved.
Enter your valid email address.
Share any ideas or improvements you'd like to see.
Was this review helpful? Let us know by sharing your feedback!
error: Content is protected !!
[wpforms id="4070" title="false"]