मेल टच अवॉइड करो

प्लॉट-यह फिल्म एक ऐसे डॉक्टर की कहानी पर बनी है जो ऑर्थोपेडिक डॉक्टर बनना चाहता है लेकिन उसकी रैंक ऑर्थो में एडमिशन के according नहीं आती इसलिए उसको गायनेकोलॉजी में ही एडमिशन मिलता है और वह अपने मन को मार कर एडमिशन ले लेता है लेकिन जब अपने मन का कुछ ना मिले तो उस चीज में मन लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है लेकिन जब वह हॉस्पिटल की लाइफ को देखता है तो बहुत कुछ सीखता और गलतियां भी करता है फाइनली वह अच्छा डॉक्टर बनने की कोशिश करता है| क्या वह अपनी कोशिश में कामयाब होगा? क्या वह अपने मन को गायनेकोलॉजी में लगाकर अच्छा डॉक्टर बन पाएगा? क्या वह ऑर्थोपेडिक्स बनने का सपना त्याग देगा? इन सभी सवालों के जवाबों को जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी|
थीम एंड टोन-इस फिल्म की टोन “कॉमेडी ड्रामा” है जिसमें फन और इमोशंस दोनों का मिश्रण है और थीम “मानवता और त्याग” जो मेडिकल लाइफ पर आधारित है इस फिल्म का उद्देश्य मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक संदेश भी देना भी है कि डॉक्टर की जिंदगी आसान नहीं होती जितना हम समझते हैं ऑन द ड्यूटी उनके ऊपर भी बहुत Pressure होता है
एक्टिंग एंड कैरक्टर्स-“डॉ उदय गुप्ता” के रोल में “आयुष्मान खुराना” का अभिनय अच्छा है| और उन्होंने अपने रोल को अच्छे ढंग से निभाया उनका चरित्र थोड़ा हास्य रस लिए हुए हैं एक जिम्मेदार डॉक्टर का किरदार निभाने के लिए जिस तरह के साहस की जरूरत है वह उनके रोल में झलकता है “डॉ नंदिनी श्रीवास्तव” के रोल में “शेफाली शाह” का अभिनय भी लाजवाब है उनकी डायलॉग डिलीवरी और चेहरे के हाव-भाव को देखकर ऐसा लगता है कि वह रियल लाइफ डॉक्टर का रोल निभा रही हो और उनके गुस्से वाले दृश्य देखते ही बनते है“शोभा गुप्ता” की भूमिका में “शीबा चड्ढा” का अभिनय भी बहुत ही कमाल का है जवानी में ही अपने पति को खो देना जब वह गर्भवती थी से लेकर एक बेटे की मां का रोल बखूबी निभाया है उनके कॉमेडी दृश्य भी बहुत अच्छे और देखने लायक है उनको जितना रोल मिला उन्होंने अच्छा काम किया है | “चड्डी” की भूमिका में “अभय मिश्र” का अभिनय बहुत ही शानदार है, उनकी डायलॉग डिलीवरी, चेहरे के हाव -भाव से लगता है कि वह लंबी रेस के घोड़े साबित हो सकते हैं और इस फिल्म के लिए उन काफी सराहना भी मिलेगी|“डॉ फातिमा” की भूमिका में “रकुल प्रीत सिंह” का अभिनय भी अच्छा है जितना उनका रोल मिला उन्होंने अच्छे से निभा दिया| सपोर्टिंग कास्ट में सभी पात्रों का अभिनय अच्छा है
डायरेक्शन-इस फिल्म का निर्देशन “अनुभूति कश्यप” ने किया है और यह उनकी First Hindi Debut Directorial है और उन्होंने अपनी पहली फिल्म से ही साबित कर दिया कि वह लंबी रेस की घोड़ी है उनका कहानी को बताने का स्टाइल यूनिक है वह सभी पात्रों से बहुत ही अच्छा अभिनय करवा पाई| एक संवेदनशील विषय पर फिल्म बनाना आसान नहीं होता पर उन्होंने बहुत ही सरलता से निर्देशित किया, फिल्म की गति धीमी है फिर भी दर्शक फिल्म से अंत तक बँधे रहते हैं और शुरू से लेकर अंत तक उनकी पूरी फिल्म पर पकड़ है
कहानी-“सौरभ भारत” और “विशाल वाघ” की कहानी अच्छी है पर कहानी में काफी लेयर्स है अगर लेयर्स कम होती तो कहानी थोड़ी सी और दमदार बन सकती थी|
पटकथा-“सुमित सक्सेना”, “विशाल वाघ”, “सौरभ भाग्य” और “अनुभूति कश्यप” का ठीक-ठाक है पटकथा में मल्टीप्ल लेयर्स हैं थोड़ी सी पटकथा में कसावत,चरित्रों का निर्माण और गति तेज बनाई जा सकती थी
डायलॉग-“सुमित सक्सेना” के बहुत ही दमदार लाजवाब और मजेदार है फिल्म के हर चरित्र के साथ मैच करते हैं
कुछ डायलॉग तो हंसी से भरे हुए और कुछ Double Meaning वाले भी है
सिनेमैटोग्राफी- “ईशित नारायण” की ठीक-ठाक है कुछ दृश्यों का कैमरा वर्क अच्छा है कैमरे की गति भी अच्छी है
कुछ दृश्यों में रंग और प्रकाश भी अच्छे से इस्तेमाल किए गए हैं
एडिटिंग-“प्रेरणा सहगल” फर्स्ट हाफ में फिल्म की गति धीमी है सेकंड हाफ थोड़ा सा तेज गति का है|
प्रोडक्शन डिजाइन-“बिंदिया छाबड़िया” और “अरविंद अशोक कुमार” का ठीक-ठाक है ज्यादा स्कोप नहीं था
कॉस्ट्यूम डिजाइन-“रोहित चतुर्वेदी” का अच्छा है
म्यूजिक-“अमित त्रिवेदी” का ठीक-ठाक है कुछ गीत अच्छे बन पड़े हैं
लिरिक्स-ठीक-ठाक लिखे गए हैं
बैकग्राउंड स्कोर-“केतन सोढा” का ठीक-ठाक है
साउंड डिजाइन-“संजय मौर्य” और “ऑल्विन रेगी” का ठीक-ठाक है
कोरियोग्राफी-दिल धक-धक “बॉस्को सीज़र” स्टेप कॉपी “विजय गांगुली” के डांस ठीक-ठाक है
क्लाइमैक्स-कुछ खास नहीं बन पाया औसत दर्जे का है
ओपिनियन– One Time Watch! (अच्छे डायलॉग और अभिनय के लिए देख सकते हैं)
फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड नॉमिनेशंस-2 बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस,बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर,बेस्ट डेब्यू एक्टर,और बेस्ट डायलॉग्स|
लेकिन फिल्म एक अवार्ड जीतने में कामयाब नहीं हो पायी |
Flaws-चड्डी और उदय के दृश्यों का repetition में आना irritate करता है फिल्म की गति में अड़चन पैदा करता है|
उदय के दोस्त और स्कूल लड़की (जो दूर की रिश्तेदार है) के affair को जबरदस्ती ठूंसा गया है
Married Person और School Girl का अफेयर दिखाकर समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं|
एक अधेड़ उम्र की मां का जिसका जवान पुत्र भी है को इस उम्र में प्यार और अफेयर करने का दिखाकर क्या साबित करना चाहते हैं कि वह जो कर रही है ठीक है पर जो सिचुएशन दिखाई गई है उससे तो ठीक लगता है पर बिना किसी कारण के यह दिखाकर समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं
Memorable डायलॉग-तुम मुझे एक चौपट बाज समझती हो पर बात यह है कि तुम्हारा और मेरा Frequency अलग है!
गायनेकोलॉजी में आदमी क्या कर रहा है!
मेल टच अवॉइड करो!
CBFC-A Movietime-2h.4 mins Genre-Comedy Drama Backdrop- Bhopal Release Year-2022
Film Cast-Ayushmann Khurrana, Rakulpreet Singh, Shefali Shah, Sheeba Chadha, Abhay Mishr, Indraneil Sengupta, Ayesha Kaduskar, Shraddha Gautam, Priyam Shah, Karishma Singh, Anju Gaur, Paresh Pahuja and (Special Appearance Puja Sarup)
Director: Anubhuti Kashyap, Producer: Vineet Jain, Screenplay: Sumit Saxena, Saurabh Bharat, Vishal Wagh, Anubhuti Kashyap, Story: Saurabh Bharat, Vishal Wagh, Dialogues: Sumit Saxena, Production Design: Eeshit Narain, Editor: Prerna Sehgal, Production Design: Bindiya chhabaria, Arvind Ashok Kumar, Costume Design: Rohit Chaturvedi, Music: Amit Trivedi, lyrics: Puneet Sharma, Kumaar, RajShekhar, Amjad Nadeem, Guest Composer: Sultan Sulemani, Amjad Nadeem Aamir, Casting Director: Gautam Kishanchandani, Background Score: Ketan Sodha, Sound Design: Allwin Rego, Sanjay Maurya, Choreography: Bosco-Caesar, Vijay Ganguly
Good attempt 👌👌👌👌