
प्लॉट: इस फिल्म की कहानी एक लड़के पर है, जिसे चौधरी के भाई उसे और उसके दोस्तों को उठाकर अपने घर ले आते हैं क्योंकि उसका दोस्त चौधरी की बेटी को शादी वाले दिन भगाकर ले जाता है, अब चौधरी की शर्त यह है कि जब तक उसकी बेटी नहीं मिल जाती, तब तक उसके दोस्तों और उसको नहीं छोड़ेंगे| लेकिन इस दौरान चौधरी के घर से वे सभी भाग जाते हैं, भागते वक्त वह जंगल में एक लड़की को देखता है, जिसे देखते ही उसे प्यार हो जाता है तो वह भागने का प्लान कैंसिल कर देता है, चौधरी के गुर्गे उन चारों को दोबारा पड़कर घर ले जाते हैं| क्या वह उसे लड़की से मिल पाएगा? क्या वह उस लड़की को ढूंढ पाएगा? वह उस लड़की को ढूंढने के लिए किसे बोलेगा? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए फिल्म को देखें|
टोन और थीम: इस फिल्म की टोन रोमांटिक एक्शन पर आधारित है, इस फिल्म की थीम लव एंड वॉर है, फिल्म को बनाने का मकसद सिर्फ मनोरंजन करना और मसाला फिल्म परोसना है|
एक्टिंग एंड कैरक्टर्स: बब्लू के रोल में टाइगर श्रॉफ की यह पहली हिंदी फिल्म है, उन्होंने पहली फिल्म में ही साबित कर दिया कि वह लंबी रेस का घोड़ा है, चाहे अभिनय हो, डांस हो, डॉयलॉग डिलीवरी हो, एक्शन करना हो, जिम टोंड बॉडी हो या फिर उसकी बॉडी लैंग्वेज हो, सब में वह अव्वल साबित हुआ| डिंपी के रोल में कृति सेनन की भी यह पहली हिंदी फिल्म है, उन्होंने भी साबित कर दिया कि वह भी लंबी रेस की घोड़ी है चाहे उनकी डांसिंग स्किल्स हो, अभिनय हो, कास्टूम हो, फेस एक्सप्रेशन हो, सब में उन्होंने बहुत मेहनत की है| चौधरी साहब के रोल में प्रकाश राज ने भी एक पिता वाले रोल में भूमिका निभाकर अच्छा अभिनय किया है, एक सख्त, तेज तर्रार और गुस्से वाले चेहरे के हाव -भाव में वह बहुत सटीक बैठते हैं| सपोर्टिंग कास्ट में भी सबका अभिनय ठीक-ठाक है|
रिटन एंड डायरेक्शन: इस फिल्म का डायरेक्शन सब्बीर खान ने किया है, यह उनकी दूसरी निर्देशित फिल्म है, इससे पहले उन्होंने कमबख्त इश्क(2009) बनाई थी, अक्षय कुमार और करीना कपूर के साथ, उनकी यह फिल्म औसत दर्जे की थी| इस फिल्म को उन्होंने पहली फिल्म से बेहतर बनाया है, पूरी फिल्म पर उनकी पकड़ है, सबसे वह अच्छा काम निकलवा पाए| फिल्म का अंत भी बढ़िया बन पड़ा है, यह तेलुगु फिल्म परागु(2008) की रीमेक है, कहानी भास्कर ने लिखी है जो की ओरिजिनल फिल्म के स्टोरी ट्रेलर है, कहानी को ओरिजिनल फिल्म से अडॉप्ट किया गया है|
स्क्रीनप्ले और डायलॉग: संजीव दत्ता ने लिखी है जो कमज़ोर और शिथिल है, डायलॉग अच्छे लिखे गए हैं|

सिनेमैटोग्राफी: हरि के वेदांतम की सिनेमैटोग्राफी औसत दर्जे की है, कुछ दृश्य अच्छे से फिल्माए गए हैं|
एडिटिंग: मनन सागर की ठीक-ठाक है, फिल्म को थोड़ा लंबा खींचा गया है, वैसे फिल्म की गति थोड़ी सी ढीली है
प्रोडक्शन डिजाइन: नरेंद्र रहुरिकर का ठीक-ठाक है|
साउंड डिजाइन: परीक्षित ललवानी और कुणाल मेहता का भी ठीक है
कास्टूम डिज़ाइन: सोनाक्षी राज के फिल्म के कलाकारों के मुताबिक है|
म्यूजिक: साजिद वाजिद का बढ़िया बन पड़ा है, कुछ गीत अच्छे बने हैं, जैसे रात भर, तबाह, रब्बा और Whistle बजा |
लिरिसिस्ट: कौसर मुनीर के लिखे हुए गीत भी ठीक-ठाक है
कोरियोग्राफी: गणेश आचार्य, अहमद खान और राजू खान की अच्छी है|
क्लाइमेक्स: अच्छा बन पड़ा है
ओपिनियन: Time Pass Movie! जो एक्शन और रोमांस वाली फ़िल्में देखना पसंद करते है वे एक बार देख सकते है|
Flaws: आईपीएस पुलिस वाले पर हाथ उठाकर क्या मैसेज देना चाहते हैं, फर्स्ट हाफ स्लो है, लड़की और लड़के को मिलाने के लिए दर्शकों को 35 से 40 मिनट का इंतज़ार करना पड़ता है, लेकिन जब वे मिलते हैं, तो इंटरवल हो जाता है
1 घंटे की फिल्म में इंटरवल तक कोई कहानी नहीं है, सिवाय एक दूसरे को मिलाने के|
मैसेज: लड़के-लड़कियों को भागकर शादी नहीं करनी चाहिए, माता-पिता की रजामंदी के साथ और बात करके करनी चाहिए|
भागने से पहले लड़के-लड़कियों को माता-पिता के बारे में एक बार सोचना चाहिए कि उनकी बदनामी होगी|
CBFC-U/A Movietime-2h.26m Genre-Romantic Action Backdrop-Haryana Release-2014
फिल्म कास्ट: टाइगर श्रॉफ, कृति सेनन और प्रकाश राज
प्रोडूसर: साजिद नाडियाडवाला, डायरेक्टर: सब्बीर खान, साउंड डिज़ाइन: परीक्षित ललवानी, कुणाल मेहता, कास्टूम डिज़ाइन: सोनाक्षी राज,
म्यूजिक: साजिद वाजिद, गेस्ट कंपोजर: मंज म्यूज़िक, मुस्तफा ज़ाहिद, बैकग्राउंड स्कोर: संदीप शिरोडकर, प्रोडक्शन डिज़ाइन: नरेंद्र रहुरिकर,
एडिटर: मनन सागर, सिनेमेटोग्राफी: हरि के वेदांतम, कोरियोग्राफी: गणेश आचार्य, अहमद खान, राजू खान, लिरिक्स: कौसर मुनीर
स्टोरी, स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स: संजीव दत्ता, एक्शन: अनल अरासु
Nice message for today’s generation