
प्लॉट: यह फिल्म ऐसे लड़के की कहानी पर है| जिसकी जिंदगी में सब अच्छे से चल रहा होता है कि अचानक ऐसा एक राज खुलता है जो वह खुद पढ़कर अपने परिवार के सामने बताता है और राज खुलने के बाद उसकी पूरी जिंदगी ही बदल जाती है ऐसा क्या राज है कि वह अपना घर और परिवार को छोड़ कर चला जाता है| क्या वह वापस अपने परिवार में आ पायेगा? दुनिया के सामने उस राज को कौन ला पाएगा? फिल्म हमें एक बात सोचने को मजबूर कर देती है कि क्या ऐसा हमारे असल जिंदगी में संभव है जो फिल्म में दिखाया गया है ? यह सब जानने के लिए फिल्म देखे|
टोन और थीम: इस फिल्म की टोन फैमिली ड्रामा है और फिल्म की थीम धर्म और भेदभाव परआधारित है फिल्म का मकसद मनोरंजन के साथ-साथ एक संदेश देना भी है|
एक्टिंग और करेक्टर्स: बिल्लू के किरदार में विकी कौशल का अभिनय औसत दर्जे का है वह अच्छे से रोल को निभा सकते थे मगर उनका रोल अच्छे से लिखा नहीं गया है लेकिन जितना रोल उनको मिला उन्होंने ठीक से निभा दिया जसमीत के किरदार में मानुषी छिल्लर का अभिनय भी संतोषजनक रहा उनकी यह पहली हिंदी फिल्म है लेकिन पहली फिल्म में उन्होंने सब कुछ अच्छा किया है चाहे डांस हो, डायलॉग डिलीवरी हो, इमोशंस हो, फेस एक्सप्रेशंस हो सब ठीक से कर लेती हैं| पंडित जी के किरदार में कुमुद मिश्रा जी का अभिनय उत्तम दर्जे का है उन्होंने अपने रोल में कड़ापन, दुख, गुस्साऔर प्यार सब कुछ अच्छे से किया है| सपोर्टिंग रोल में सभी पात्रों ने ठीक-ठाक अभिनय किया है मनोज पाहवा, सादिया सिद्दीकी और सृष्टि दीक्षित सभी ने कहानी को आगे ले जाने में मदद की है सबकी केमिस्ट्री बहुत ही लाजवाब है|
स्टोरी स्क्रीनप्ले और डायरेक्शन: फिल्म के डायरेक्टर विजय कृष्ण आचार्य जिन्होंने इस फिल्म से पहले टशन(2008), धूम3(2013), ठग्स ऑफ हिंदुस्तान(2018) का निर्देशन किया है, धूम3(2013) को छोड़कर बाकी उनकी दोनों फिल्में फ्लॉप रही थी, इस फिल्म में भी उनका निर्देशन कमज़ोर रहा, कुछ दृश्य उन्होंने बहुत अच्छे से फिल्माए है पर कमज़ोर निर्देशन की वजह से उनकी अहमियत जीरो हो गयी, उनकी कहानी बताने के तरीके में भी कोई दम नहीं है, फिल्म की गति ठीक है उनका निर्देशन उनकी पिछली फ्लॉप फिल्मों की तरह ही है कहानी में वह क्या कहना चाहते है और क्या बताने चाहते है इसका कुछ अता पता नहीं चल पाता फिल्म में बस दो चीज़े एक टेंशन और सस्पेंस को बना कर रख पाए और टकराव को भी बखूबी दिखा पाए| इसके अलावा फिल्म में कुछ भी देखने के लिए नया नहीं है| स्क्रीनप्ले में भी बहुत त्रुटियां और कमज़ोर है| डायलॉग भी ठीक-ठाक लिखे गए हैं|
सिनेमैटोग्राफी: अयनंका बोस की सिनेमैटोग्राफी अच्छी है फिल्म में कुछ अच्छे शॉट दिखाएं गए है, फिल्म में रोशनी और रंग का इस्तेमाल बहुत बढ़िया से किया गया है| बलरामपुर शहर के शॉट ऊपर से अच्छे फिल्माए गए हैं कैमरा मूवमेंट्स भी बढ़िया है सभी चित्रों को अच्छे से फ्रेम किया गया है|
म्यूजिक: प्रीतम का संगीत औसत दर्ज़े का है, तीन गानों में एक ही गाना अच्छा है,
साहिबा और दो दूसरे गाने की फर्क पैंदा है और कन्हैया ट्विटर पर आजा कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ पाए|
बैकग्राउंड स्कोर: किंगशुक चक्रवर्ती का बैकग्राउंड स्कोर कुछ खास नहीं है|
लिरिसिस्ट: अमिताभ भट्टाचार्य ने गीतों को कुछ खास नहीं लिखा
साउंड डिजाइन: साउंड डिज़ाइन गणेश गंगाधरन और देबाशीष मिश्रा का भी बढ़िया है
कास्टूम डिज़ाइन: शीतल शर्मा की कास्टूम डिजाइनिंग करक्टेर्स के हिसाब से मैच करती है|
प्रोडक्शन डिजाइन: सुमित बासु, स्निग्धा बासु और रजनीश हेड़ाऊ का प्रोडक्शन डिज़ाइन अच्छा है,
कहानी से पूरी तरह से मैच करता है|
एडिटिंग: चारु श्री रॉय की एडिटिंग slow pace और ठीक-ठाक है कुछ दृश्य जबरदस्ती ठूंसे गए हैं
कोरियोग्राफी: वैभवी मर्चेंट(साहिबा ), बोस्को सीज़र(की फर्क पैंदा है) और विजय गांगुली(कन्हैया ट्विटर पे आजा) की कोरियोग्राफी ठीक ठाक है|
ओपिनियन: आप अपने रिस्क और धैर्य पर फिल्म देख सकते हैं|
क्लाइमेक्स: फिल्म का क्लाइमेक्स बहुत ही अच्छे ढंग से फिल्माया गया है|
मैसेज: फिल्म में सोशल मैसेज तो दिया गया है लेकिन आज वह मैसेज सिर्फ एक तरफ लगता है
मैं यहाँ कोई पॉलिटिकली कुछ भी नहीं लिखना चाहता आप समझ सकते है मैं किस सन्दर्भ में बात कर रहा हूँ|
फैक्ट: दूसरा बच्चे का, जो उनका अपना था और उनकी पत्नी का क्या हुआ
यह फिल्म में शायद निर्देशक बताना भूल गए|
CBFC-U/A Movietime:1h52m Genre:ComedyDrama Backdrop:Balrampur Release: 2023
फिल्मकास्ट: विक्की कौशल, मानुषी चिल्लर, कुमुद मिश्रा, मनोज पाहवा, यशपाल शर्मा
सादिया सिद्दीकी, अलका अमीन, आशुतोष उज्जवल, भुवन अरोरा, आसिफ खान और सृष्टि दीक्षित
प्रोडूसर: आदित्य चोपड़ा, लेखक और डायरेक्टर: विजय कृष्ण आचार्य, साउंड डिज़ाइन: गणेश गंगाधरन, देबाशीष मिश्रा
कास्टूम डिज़ाइन: शीतल शर्मा, म्यूजिक: प्रीतम, बैकग्राउंड स्कोर: किंगशुक चक्रवर्ती, प्रोडक्शन डिज़ाइन: सुमित बासु, स्निग्धा बासु और रजनीश हेड़ाऊ
एडिटर: चारु श्री रॉय, सिनेमेटोग्राफी: अयनंका बोस, लिरिक्स: अमिताभ भट्टाचार्य, कास्टिंग डायरेक्टर: शानू शर्मा
कोरियोग्राफी: वैभवी मर्चेंट(साहिबा), बोस्को सीज़र(की फर्क पैंदा है) और विजय गांगुली(कन्हैया ट्विटर पे आजा)
According to me: विक्की कौशल जैसे एक एक्टर और स्टार जिसमें दोनों तरह का मटेरियल हो उस अभिनेता को ऐसा रोल और फिल्म sign करने की क्या जरुरत थी ऐसी फिल्में करके उनकी स्टार वैल्यू घट सकती है|
Wonderful 😊😊😊