ग्राउंड जीरो मूवी रिव्यू 2025: गाज़ी बाबा का एक्शन-थ्रिलर वाला सफल ऑपरेशन

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ग्राउंड जीरो के एक दृश्य में इमरान हाशमी
ग्राउंड जीरो में इमरान हाशमी (क्रेडिट: पोस्टर/एक्सेल एंटरटेनमेंट/ड्रीम्जक्राफ्ट एंटरटेनमेंट/तलिस्मान फिल्म्स)

परिचय

25 अप्रैल 2025 को रिलीज हुई ग्राउंड जीरो एक्शन थ्रिलर पर आधारित है| जिसका निर्देशन तेजस प्रभा विजय देऊस्कर ने किया है| इसको बनाने का उद्देश्य मनोरंजन के साथ-साथ ऑपरेशन गाज़ी बाबा के बारे में दुनिया को फिल्म के माध्यम से बताना भी है| फिल्म का टोन एक्शन थ्रिलर और थीम बलिदान है| फिल्म अपने ट्रेलर के मुताबिक पर्दे पर बिल्कुल वैसे ही दिखाई देती है| इस फिल्म के मुख्य भूमिकाओं में इमरान हाशमी, सई ताम्हणकर, जोया हुसैन, मुकेश तिवारी, दीपक परामेश, ललित प्रभाकर और राहुल वोरा है|

ग्राउंड जीरो फिल्म का ट्रेलर

https://www.youtube.com/watch?v=oAdc62oGzW8&t=41s (क्रेडिट: पोस्टर/एक्सेल एंटरटेनमेंट/ड्रीम्जक्राफ्ट एंटरटेनमेंट/तलिस्मान फिल्म्स)

ग्राउंड जीरो रिपोर्ट क्या है?

ग्राउंड जीरो फिल्म बीएसएफ जवान नरेंद्र नाथ धर दुबे, जिन्होंने आतंकी गाजी बाबा को मार गिराने वाले ऑपरेशन का नेतृत्व किया था, पर आधारित है। यह मिशन बीएसएफ के पिछले पांच दशक में सबसे अच्छों में माना जाता है|

क्या ग्राउंड जीरो एक रियल स्टोरी है?

हाँ, बीएसएफ जवान नरेंद्र नाथ धर दुबे की सच्ची कहानी पर आधारित है|

क्या ग्राउंड जीरो में फिल्म है?

हाँ

मैं ग्राउंड जीरो कहां देख सकता हूं?

ग्राउंड जीरो फिल्म को आप सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स में देख सकते है|

ग्राउंड जीरो क्या है?

यह एक हिंदी फिल्म है, जो 25 अप्रैल 2025 को देश भर में रिलीज़ हुई है|

क्या ग्राउंड जीरो एक अच्छी फिल्म है?

हाँ, जो लोग आतंकवाद पर आधारित थ्रिलर फ़िल्में देखना पसंद करते है, उनके लिए यह फिल्म अच्छी कही जा सकती है|

क्या ग्राउंड जीरो एक सच्ची कहानी पर आधारित है?

हाँ, यह एक सच्ची कहानी पर आधारित है|

कहानी

यह फिल्म एक बीएसएफ (BSF) जवान और एक आतंकवादी की कहानी पर आधारित है| श्रीनगर में एक के बाद एक जवानों की गर्दनों पर गोली मार कर जवान मारे जा रहे है| इस दौरान देश की राजधानी दिल्ली में 13 दिसंबर 2001 संसद भवन पर और गुजरात के गाँधीनगर में 24 सितम्बर 2002 अक्षरधाम मंदिर पर आतंकवादी हमला होता है, लेकिन आतंकवादी पुलिस की पकड़ से दूर है| क्या वह उसे पकड़ पाएंगे? क्या वह उसे मार देंगे? क्या उसको पकड़ने के लिए कोई ओर ऑपरेशन चलाना पड़ेगा? यह सब जानने के लिए आपको ग्राउंड जीरो 2025 देखनी पड़ेगी|

एक्टिंग एंड कैरक्टर्स

बीएसएफ (BSF) एन.एन.डी दुबे की भूमिका में इमरान हाशमी का अभिनय प्रभावित करता है, कुछ दृश्यों में उनका अभिनय उनके चरित्र को जीवंत बना देता है| दर्शक काफी हद तक उनसे भावनात्मक रूप से जुड़े हुए पाते है| पूरी फिल्म उनके कंधों पर है और उनका अभिनय स्थिर और विश्वसनीय कहा जा सकता है| उनके चेहरे के हाव-भाव और संवाद अदायगी का मिश्रण बेमिसाल है| जया की भूमिका में सई ताम्हणकर का अभिनय भी औसत दर्जे का रहा, उनकी भूमिका ज्यादा लंबी तो नहीं है, कुल मिलाकर चार-पांच दृश्यों में ही वह नजर आई| लेकिन क्लाइमेक्स से पहले वाले दृश्य में वह अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करवाती है| आदिला की भूमिका में जोया हुसैन का अभिनय भी ठीक-ठाक कहा जा सकता है| संजीव शर्मा की भूमिका में मुकेश तिवारी कुछ ही दृश्यों में ही नजर आए| हुसैन की भूमिका में मीर मेहरूज का अभिनय अच्छा कहा जा सकता है| सहायक भूमिकाओं में दीपक परामेश, ललित प्रभाकर, राहुल वोरा और रॉकी रैना ने कहानी को आगे बढ़ाने में मदद की

निर्देशन

इस फिल्म का निर्देशन तेजस प्रभा विजय देऊस्कर ने किया है| इस फिल्म से पहले वह अपनी पहली मराठी फिल्म प्रेमसूत्र (2013) और माधुरी दीक्षित की पहली मराठी फिल्म बकेट लिस्ट (2018) को निर्देशित कर चुके थे| उनकी पहली हिंदी भाषा निर्देशित फिल्म छतरीवाली (2023) थी| जिसमें रकुल प्रीत सिंह की मुख्य भूमिका थी| वह फिल्म की कहानी के ढाँचे को स्थिर नहीं रख पाए और मनोरंजन का लेवल सिलसिलेवार नहीं है, कहीं-कहीं पर फिल्म देखते वक्त आपका इंटरेस्ट लेवल कम होने लगता है और फिल्म धीमी महसूस होने लगती है| लेकिन वह सभी से मजबूत अभिनय निकलवाने में सफल रहे| वह फिल्म के टोन को बरकरार रख पाए| कुछ दृश्यों को उन्होंने बहुत अच्छे से निर्देशित किया है, जैसे क्लाइमेक्स का, प्रधानमंत्री की गाड़ी को टक्कर मारने वाला, हुसैन को बम से उड़ाने वाला और हकीम को मारने वाला| लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि इस तरह की फिल्में हम पहले भी देख चुके है, जैसे उरी द सर्जिकल स्ट्राइक (2019) और आर्टिकल 370 (2024)|

कहानी-पटकथा-डायलॉग

संचित गुप्ता,प्रियदर्शी श्रीवास्तव की कहानी सच्ची घटनाओं पर आधारित है| कहानी निर्बाध और धीरे-धीरे आगे बढ़ती है, उम्मीद के मुताबिक कुछ नया दिखाती है| कहानी की गति कहीं-कहीं पर धीमी है| पटकथा मनोरंजक तो है, लेकिन कहीं-कहीं पर रुक सी जाती है और दर्शकों को ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ दृश्यों को वे पहले भी फिल्मों में देख चुके है| डायलॉग अच्छे लिखे गए है, कुछ डायलॉग एक लाइन वाले अविस्मरणीय है, जैसे तुझे लाई यहां तेरी मौत फौजी कश्मीर का बदला लेगा गाज़ी बलबीर सिंह अंत में इसको बदल कर तुझे लाई यहां तेरी मौत गाज़ी कश्मीर का बदला लेगा फौजी कर देता है

ग्राउंड जीरो के एक दृश्य में इमरान हाशमी
ग्राउंड जीरो में इमरान हाशमी (क्रेडिट: स्क्रीनशॉट/एक्सेल एंटरटेनमेंट/ड्रीम्जक्राफ्ट एंटरटेनमेंट/तलिस्मान फिल्म्स)

सिनेमैटोग्राफी

कमलजीत नेगी ने एरियल व्यूज और एक्शन दृश्यों को बढ़िया से फिल्माया गया है| कैमरे के अलग-अलग एंगल्स का इस्तेमाल किया गया है| रंग, रोशनी, फ्रेमिंग और डिजाइन फिल्म के टोन से मैच करते है| कश्मीर के कुछ शॉट्स फिल्म की शान और थीम को कुछ अलग तरह से दर्शाते है|

एडिटिंग

चंद्रशेखर प्रजापति ने फिल्म की गति को ठीक-ठाक रखा है, लेकिन कुछ दृश्यों में थोड़ी सी कसी हुई हो सकती थी| लंबाई भी ठीक-ठाक है, संपादन से कहानी को आसानी से समझा जा सकता है| फिल्म का संपादन टोन के साथ एकदम स्थिर है|

प्रोडक्शन डिजाइन

शशांक तेरे के सेट्स और लोकेशंस विश्वसनीय और संतोषजनक कहे जा सकते है| फिल्म के डिजाइन कश्मीर के उस समय के ऑथेंटिकेट है| रंग और विजुअल एलिमेंट्स कहानी के टोन से मैच करते है|

कॉस्ट्यूम डिजाइन

कीर्ति और मारिया के कॉस्ट्यूम डिजाइन चरित्रों के व्यक्तित्व, व्यवसाय और भावनाओं को एक्युरेटली रिप्रेजेंट करते है|

एक्शन

विक्रम दहिया ने एक्शन दृश्य बहुत बढ़िया से फिल्माए है| एक एक्शन दृश्य बहुत ही हिंसात्मक है, जिसमें हुसैन को बम से उड़ा दिया जाता है और उसके शरीर के चिथड़े उड़ जाते है| कुछ दृश्यों में सीधे गर्दन में गोली मारी गई है| क्लाइमेक्स का एक्शन दृश्य बहुत ही दमदार बन पड़ा है|

श्रेणियाँनाम/रिलीज़/शैली/रेटिंग/सारांश
डायरेक्टरतेजस प्रभा विजय देऊस्कर
कास्टइमरान हाशमी, सई ताम्हणकर, जोया हुसैन, मुकेश तिवारी, दीपक परामेश, ललित प्रभाकर और राहुल वोरा
रिलीज़ तारीख25 अप्रैल 2025
फिल्म शैलीएक्शन थ्रिलर
CBFCU/A
बैकड्रॉपकश्मीर
मूवी टाइम2 घंटे 17 मिनट

बैकग्राउंड स्कोर

जॉन स्टूअर्ट एडुरी का बैकग्राउंड स्कोर दिल को छू लेने और प्रभाव डालने वाला है| फिल्म की टोन और थीम से पूरी तरह से मैच करता है| कहानी और दृश्यों को पूरी तरह से जोड़ने में स्मूथ है| दर्शकों की भावनाओं पर खरा उतरता है|

साउंड डिजाइन

मंदार कुलकर्णी का साउंड डिजाइन पूरी तरह से विजुअल के साथ सिंक्रोनाइज, प्राकृतिक और प्रभावी है| डायलॉग को साफ तौर से सुना जा सकता है| लम्बा साउंड कुछ दृश्यों की वास्तविकता को काफी बढ़ाते है|

संगीत

रोहन-रोहन के संगीत से सजापहली दफा, विशाल मिश्रा की आवाज और इरशाद कामिल का लिखा हुआ भावनात्मक गीत है, जो आंखों में आंसू ला देने वाला है| बाकी तनिष्क बागची और सनी इन्दर के संगीत से सजे गीत भी ठीक-ठाक कहे जा सकते है| लेकिन ऐसा कोई गीत नहीं, जो याद रखने योग्य हो, एक बार सुन सकते है| सभी गीतों को फिल्म के बैकग्राउंड में प्ले किया गया है|

लिरिसिस्ट

इरशाद कामिल का पहली दफा भावनातक गीत है| बाकी कुमार, रश्मि विराग और वायु के लिखे गीत भी ठीक ठाक कहे जा सकते है|

क्लाइमेक्स

फिल्म का क्लाइमेक्स कुछ हट कर है, रोंगटे खड़े कर देने वाला है भावनाओं के समंदर में डुबो देने वाला है|

रेटिंग

** 1/2

ओपिनियन

इमरान हाशमी के जबरदस्त अभिनय, बढ़िया एक्शंस और मनोरंजक क्लाइमेक्स के लिए देख सकते है|

फैक्ट्स (फिल्म के एंडिंग पार्ट में से लिए गए हैं)

  • नरेंद्र नाथ धर दुबे को सात बार गोली मारी गयी थी| एक गोली उनकी रीढ़ और पीठ के बीच में आज तक फंसी हुई है|
  • एक गोली छाती के बाएं भाग पर लगे मेडल से टकराने के कारण, दिल को लगने से पहले ही रुक गयी|
  • 2005 में, एन.एन.डी दुबे को ‘ऑपरेशन गाज़ी बाबा’ के लिए “कीर्ति चक्र” से सम्मानित किया गया, जो कि रक्षा वीरता पदकों में दूसरा सर्वोच्च सम्मान है| वह 2022 में सेवानिवृत्ति लेने तक सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में कार्यरत थे|
  • एन.एन.डी दुबे के साथ गाज़ी बाबा ऑपरेशन में एम.आर.बिनुचंद्रन बहादुरी से लड़े| उन्हें ग्रेनेड धमाके से कई सारी चोटें लगी| दोनों की सच्ची दोस्ती, जो कठिन समय में गहरी हुई, वह आज भी मजबूत है|
  • शहीद बलबीर सिंह ने कर्तव्य की राह में अपनी जान का बलिदान दिया| उन्हें मरणोपरांत “शौर्य चक्र” से सम्मानित किया गया, जो कि रक्षा वीरता पदकों में तीसरा सर्वोच्च सम्मान है|

ग्राउंड जीरो फिल्म कास्ट: इमरान हाशमी, सई ताम्हणकर, जोया हुसैन, मुकेश तिवारी, दीपक परामेश, ललित प्रभाकर, रॉकी रैना और राहुल वोरा

प्रोडूसर:रितेश सिधवानी, फरहान अख्तर, डायरेक्टर: तेजस प्रभा विजय देऊस्कर, साउंड डिज़ाइन:मंदार कुलकर्णी, कास्टूम डिज़ाइन: कीर्ति और मारिया, म्यूजिक: तनिष्क बागची, रोहन-रोहन, सनी इन्दर, लिरिक्स: इरशाद कामिल, कुमार, वायु, रश्मि विराग, बैकग्राउंड स्कोर: जॉन स्टूअर्ट एडुरी, प्रोडक्शन डिज़ाइन: शशांक तेरे, एडिटर: चंद्रशेखर प्रजापति, सिनेमेटोग्राफी: कमलजीत नेगी, स्टोरी-स्क्रीनप्ले-डायलॉग्स: संचित गुप्ता,प्रियदर्शी श्रीवास्तव, एक्शन: विक्रम दहिया, कास्टिंग डायरेक्टर: कास्टिंग बे

ग्राउंड जीरो कलेक्शन

3 दिन का 5 करोड़

ग्राउंड जीरो बजट

50 करोड़

ग्राउंड जीरो फिल्म इमरान हाशमी

हाँ, इमरान हाशमी ने मुख्य भूमिका निभाई है|

ग्राउंड जीरो मूवी रिलीज़ डेट

25 अप्रैल 2025

Ground Zero box office collection day 3

2 Crore

1 thought on “ग्राउंड जीरो मूवी रिव्यू 2025: गाज़ी बाबा का एक्शन-थ्रिलर वाला सफल ऑपरेशन”

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