
प्लॉट: यह फिल्म एक बॉडीबिल्डर लड़के की कहानी पर है जिसमें उसे एक लड़की से प्यार हो जाता है एक दिन होली की पार्टी में दोनों इंटिमेट हो जाते हैं लड़की अपने बारे में उसे कुछ बताना चाहती है लेकिन वह बिना सुने ही उससे फिजिकल रिलेशन बना लेता है, लेकिन एक दिन वह उसे अपनी सच्चाई बताती है तो उसके पैरों तले जमीन खिसक जाती है| वह लड़की ऐसा क्या बताती है कि वह उसे उसी समय छोड़कर चला जाता है? क्या वह उसे हमेशा के लिए छोड़ देगा या उससे शादी कर लेगा? क्या लड़की उसे हमेशा के लिए छोड़ कर चली जाएगी? जानने के लिए फिल्म देखें|
टोन और थीम: यह फिल्म रोमांटिक ड्रामा टोन पर बनी है, इसकी थीम प्यार और पछतावा पर आधारित है, इस फिल्म को बनाने का मकसद सिर्फ मनोरंजन करना है|
एक्टिंग एंड कैरक्टर्स: मनु के रोल में आयुष्मान खुराना का अभिनय औसत दर्जे का है, वह कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ पाए उनका कुछ खास रोल भी नहीं था, उन्होंने ठीक-ठाक अभिनय किया है| मानवी के रोल में वाणी कपूर का अभिनय भी ठीक-ठाक है सिर्फ अच्छे और सेक्सी कपड़े पहन कर, अंग प्रदर्शन करके अभिनय नहीं किया जा सकता | सपोर्टिंग रोल में सभी का अभिनय ठीक-ठाक था|

डायरेक्शन: इस फिल्म का निर्देशन अभिषेक कपूर ने किया है| इस फिल्म से पहले उन्होंने आर्यन(2006), रॉकऑन(2008), काय पो छे(2013), फितूर(2016), रॉकऑन(2016), और केदारनाथ(2018) को निर्देशित किया है| आर्यन, फितूर और रॉकऑन2016 को छोड़कर बाकी सभी फिल्में सफल रही हैं| इस फिल्म का निर्देशन भी बढ़िया है पर कहानी कमजोर है, कहानी अपील नहीं करती| फिल्म पर उनकी पकड़ तो है, पर कहानी अच्छी न होने से फिल्म कुछ खास नहीं बन पाई|
कहानी: अभिषेक कपूर, सुप्रतीक सेन और तुषारपरांजपे की कहानी कुछ अलग हटकर तो है,
पर क्या हमारा समाज इस तरह की कहानी को स्वीकार करने के लिए तैयार है?
पटकथा-डायलॉग: सुप्रतीक सेन और तुषारपरांजपे के डायलॉग्स बढ़िया है,
डायलॉग तो बहुत बढ़िया लिखे गए हैं पंजाबी हास्य रस लिए हुए हैं|
सिनेमैटोग्राफी: मनोज लोबो की सिनेमैटोग्राफी ठीक है, चंडीगढ़ शहर को बहुत खूबसूरती से दिखाया गया है|
कोरियोग्राफी: बॉस्को सीजर की कुछ गानों की कोरियोग्राफीअच्छी है|
एडिटिंग: चंदन अरोड़ा की एडिटिंग कुछ हद तक सही है, फिल्म की गति भी ठीक-ठाक है, फिल्म बोर नहीं करती|

म्यूजिक एंड बैकग्राउंड स्कोर: सचिन-जिगर का अच्छा है, चंडीगढ़ करे आशिकी, कल्ले, माफी और अट्रैक्शन अच्छे बन पड़े हैं|
लिरिसिस्ट: वायु, आईपी सिंह और प्रिया सरैया के अच्छे हैं, पंजाबी शब्द लिए हुए हैं|
एक्शन: अल्लन अमीन और विशाल भार्गव का एक्शन ठीक-ठाक है|
कॉस्ट्यूम डिजाइन: श्रुति कपूर और अक्षय त्यागी के अच्छे हैं|
प्रोडक्शन डिजाइन: बिंदिया छाबरिआ का प्रोडक्शन डिजाइन बढ़िया है|
साउंड डिजाइन: एल्विन रेगो और संजय मौर्य का साउंड डिजाइन बहुत ही शानदार और syncing भी बढ़िया की है|
67th फिल्मफेयर अवॉर्ड्स: इस फिल्म को बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर, बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर, बेस्ट स्टोरी और बेस्ट साउंड डिजाइन के नॉमिनेशंस मिले थे,
जिसमें से फिल्म ने बेस्ट स्टोरी का अवार्ड जीता|
क्लाइमैक्स: फिल्म देखते वक़्त जैसे दर्शक सोचता है वैसे ही होता है, कुछ खास नहीं था|
ओपिनियन एंड रेटिंग : One Time Watch! युवा लोग एक बार फिल्म को देख सकते है|
Flaws: बैक टू बैक दो गाने के साथ डाल दिए गए हैं, लड़की के राज खुलने वाला सीन इतना जबरदस्त नहीं बन पाया, एक पूरे गाने में फिजिकल रिलेशन बनाते हुए दृश्य दिखाए गए हैं, उस एक गाने की वजह से आप अपने परिवार और बच्चों के साथ फिल्म नहीं देख सकते, फिल्म के शुरू में एक farting वाला दृश्य भी दिखाया गया है जिसे देख कर हंसी आ जाती है|
मैसेज: क्या ऐसे सेंसेटिव इश्यू (Queer) trans girl पर फिल्म बनानी चाहिए, इस दुनिया में भगवान ने हमें जो बनाकर भेजा है क्या हमें इजाजत है कि कुदरत और भगवान के विरुद्ध जाकर अपना सेक्स चेंज करवाले ? क्या हम यह सब दिखा कर, इस तरह की चीज को बढ़ावा नहीं देंगे? मेरा किसी भी तरह का इरादा transgender community की किसी भी भावना या भावना को ठेस पहुंचाने या चोट पहुंचाने का नहीं है|
CBFC-U/A Movietime-1h.57m Genre-Romantic Drama Backdrop-Chandigarh Release-2021
प्रोडूसर: भूषण कुमार, प्रज्ञा कपूर, कृष्ण कुमार अभिषेक नय्यर, डायरेक्टर: अभिषेक कपूर, साउंड डिज़ाइन: एल्विन रेगो, संजय मौर्या,
कास्टूम डिज़ाइन: श्रुति कपूर, अक्षय त्यागी, म्यूजिक: सचिन-जिगर, लिरिसिस्ट: वायु, आईपी सिंह और प्रिया सरैया
बैकग्राउंड स्कोर: सचिन-जिगर, प्रोडक्शन डिज़ाइन: बिंदिया छाबरिआ, एडिटर: चन्दन अरोड़ा, सिनेमेटोग्राफी: मनोज लोबो
कोरियोग्राफी: बोस्को सीज़र, कास्टिंग: मुकेश छाबरा, एक्शन: अल्लन अमीन, विशाल भार्गव
स्टोरी: अभिषेक कपूर, सुप्रतीक सेन और तुषारपरांजपे, स्क्रीनप्ले एंड डायलॉग्स: सुप्रतीक सेन और तुषारपरांजपे
CBFC फैक्ट्स: लव मेकिंग शॉट के करीब 8 सेकंड कम है, कुछ डायलॉग्स जिनमें बदलाव किये गए है, जैसे साली चक्की की जगह चक्का कहीं का, Fcuk की जगह Heck, bhund की जगह बैंड बजा के, और इंडिया की जगह ज़माना कर दिया गया है,जो एक शरारती और मजेदार डायलॉग है,
Film Producers ने CBFC के कहने पर पांच cut किए हैं सबसे पहले एक अस्वीकरण जोड़ा गया था जिसमें कहा गया था इस फिल्म से जुड़े किसी भी व्यक्ति का इरादा transgender community की किसी भी भावना या भावना को ठेस पहुंचाने या चोट पहुंचाने का नहीं है, इसका मकसद केवल transgender community द्वारा सामना किया जाने वाले issues के बारे में लोगों को educate करना और उनमें awareness पैदा करना है|
Amazing