रामप्रसाद की तेहरवीं फिल्म रिव्यु

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परिवार के बनावटी रिश्ते!

रामप्रसाद की तेहरवीं फिल्म के मुख्य फिल्म सितारे
रामप्रसाद की तेहरवीं फिल्म के मुख्य फिल्म सितारे

प्लॉट: यह फिल्म राम प्रसाद के परिवार पर बनाई गई है जिनका स्वर्गवास हो गया है और उनके सभी 6 बच्चे जिनमें चार बेटे और दो बेटियां अपने पुश्तैनी घर पर अपने पिता की तेहरवीं पर आते हैं लेकिन वह सभी अपने पिता के जाने के दुख को बाँटने के बजाय अपनी ही समस्याओं में उलझ जाते हैं, आपस में ही लड़ने झगड़ने लग जाते हैं जो आज तक अपने माता-पिता को एक बार भी देखने नहीं आए,अब आए हैं तो पिता की तेहरवीं पर आपस में ही झगड़ रहे हैं उनकी मां उन सभी का चुपचाप तमाशा देख रही है पर कुछ नहीं बोलती| अब मां अकेली हो गई कौन सा बेटा उनको अपने साथ लेकर जाएगा? क्या वह अकेली ही इतने बड़े घर में रहेगी? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी|

टोन और थीम: इस फिल्म की टोन फैमिली ड्रामा है औरथीम फॅमिली एंड रिलेशनशिप पर है, इस फिल्म को बनाने का उद्देश्य आज के परिवारों की सच्चाई दिखाना है कि आजकल के बच्चे अपने माता-पिता को नहीं पूछते| यह फिल्म इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करती है और छाप छोड़ने में कामयाब रही| फिल्म हमारे समाज की सच्चाई से रूबरू करवाती है

एक्टिंग एंड कैरक्टर्स: अम्मा के किरदार में सुप्रिया पाठक कपूर ने बहुत ही शानदार अभिनय किया है उन्होंने अपने किरदार को बहुत ही संपूर्णता से निभाया, उनका अभिनय उत्तम दर्जे का कहा जा सकता है पति को खोने का दर्द क्या होता है वह उन्होंने अपने चेहरे पर बखूबी चित्रित किया| राम प्रसाद के किरदार में नसीरुद्दीन शाह का रोल मेहमान भूमिका में है जितना भी उनका स्क्रीन टाइम था उन्होंने अपने रोड को अच्छे से निभा दिया| सीमा के किरदार कोंकणा सेन शर्मा का अभिनय भी अच्छा कहा जा सकता है, उनके अभिनय में बिल्कुल अलग तरह का एक ऐटिटूड, दुख, दर्द पीड़ा और अकेलापन पर्दे पर नजर आया| सपोर्टिंग कास्ट में परमब्रत चट्टोपाध्याय, विक्रांत मैसी, मनोज पाहवा, निनाद कामत, विनय पाठक, दीपिका अमीन, दिव्या जगदाले, सादिया सिद्दीकी, अनुभा फतेहपुरी, सारिका सिंह, बृजेंद्र काला, श्रीकांत वर्मा, राजेंद्र गुप्ता, पुष्पा जोशी, विनीत कुमार, अलका कौशल और यामिनी दास सभी ने अपने किरदारों को ठीक से निभाया है |

निर्देशन: इस फिल्म को सीमा पाहवा ने निर्देशित किया है जो की जानी-मानी एक फिल्म अभिनेत्री भी है यह उनकी पहली हिंदी फिल्म डेब्यू Directorial है, उन्होंने कहानी को बहुत अच्छे ढंग से बताने की कोशिश की है फिल्म की गति थोड़ी सी धीमी जरूर है लेकिन फिल्म कहीं से भी पटरी से नहीं उतरती, वह कहानी में सही तरीके से तकरार और टकराव दिखा पाई, पहली फिल्म को ही सीमा पाहवा ने बहुत अच्छे से निर्देशित किया है, सभी चरित्रों को बहुत अच्छे से पर्दे पर चित्रित किया गया है, सभी का अभिनय असल जिंदगी के चरित्रों जैसा लगता है|

कहानी-पटकथा: सीमा पाहवा की कहानी भी आज के दौर की है आज समाज में रिश्तों की कोई अहमियत नहीं रह गई है, पटकथा भी बहुत बढ़िया से लिखा गया है

डायलॉग: सीमा पाहवा ने सभी चरित्रों के डायलॉग आपस में विश्वसनीय लगने वाले लिखे हैं, जो फिल्म की कहानी के मुताबिक बिल्कुल फिट बैठते हैं सभी के डायलॉग फिल्म की टोन और थीम से मैच करते हैं, फिल्म के कथन में डायलॉग ने सभी चरित्रों के भाव आदि को अच्छे से वर्णित किया हैं|

संगीत और बैकग्राउंड स्कोर: इस फिल्म में सागर देसाई का संगीत और बैकग्राउंड स्कोर कुछ खास प्रभाव नहीं डाल पाया, सभी गीत फिल्म के बैकग्राउंड में ही चलाए गए हैं, बैकग्राउंड स्कोर फिल्म के मूड और कहानी के हिसाब से sync करता है|

लिरिसिस्ट: नीरज पांडे के लिखे सभी गीत भी कहानी के साथ अपने आप को जोड़ते हुए पाते हैं

सिनेमैटोग्राफी: सुदीप सेनगुप्ता की पूरी फिल्म की सिनेमैटोग्राफी एक ही घर में फिल्माई गई है

तो ज्यादा स्कोप फिल्म में नहीं था पर जितने भी शॉट घर के अंदर फिल्माए गए हैं वह बेहतरीन फिल्माए गए हैं

साउंड डिजाइन: रेसुल पूकुट्टी और अमृत प्रीतम का साउंड डिजाइन बहुत ही बढ़िया है

प्रोडक्शन डिजाइन: परिजात पोद्दार का प्रोडक्शन डिजाइन कहानी के मुताबिक किया गया है

एडिटिंग: दीपिका कालरा की एडिटिंग थोड़ी सी कसी हुई हो सकती थी,

फिल्म Slow pace की है दृश्यों के बीच की गति कमजोर है

कॉस्ट्यूम डिजाइन: दर्शन जालान और मनीष तिवारी के कॉस्ट्यूम डिजाइन फिल्म की थीम और टोन से मेल खाते हैं|

ओपिनियन: जो लोग कला फिल्में देखने के शौकीन है वह लोग यह फिल्म एक बार देख सकते हैं

मैसेज: आज के परिवारों में रिश्तो और एक दूसरे से लगाव को संजोकर रखना बहुत जरूरी है

क्लाइमेक्स: फिल्म का क्लाइमेक्स बहुत बढ़िया बन पड़ा है|

67th फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड नॉमिनेशंस: बेस्ट फिल्म, बेस्ट एक्ट्रेस क्रिटिक्स, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर,

बेस्ट फिल्म क्रिटिक्स, बेस्ट स्टोरी, बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के नॉमिनेशंस प्राप्त हुए थे

फिल्म एक बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर सीमा पाहवा जीतने में कामयाब रही|

CBFC-U Movietime-1h.53m Genre-Family Drama Backdrop-Lucknow Release-2021

फ़िल्मकास्ट: सुप्रिया पाठक कपूर, कोंकणा सेन शर्मा, परमब्रत चट्टोपाध्याय, विक्रांत मैसी, मनोज पाहवा,

निनाद कामत, विनय पाठक, दीपिका अमीन, दिव्या जगदाले, सादिया सिद्दीकी, नुभा फतेहपुरा, सारिका सिंह,

बृजेंद्र काला, श्रीकांत वर्मा, राजेंद्र गुप्ता, पुष्पा जोशी, विनीत कुमार, अलका कौशल और यामिनी दास, नसीरुद्दीन शाह (मेहमान भूमिका)

प्रोडूसर:मनीष मुंद्रा, जिओ स्टूडियोज, लेखक और डायरेक्टर:सीमा पाहवा, साउंड डिज़ाइन:रेसुल पोकुट्टी अमृत प्रीतम

कास्टूम डिज़ाइन:दर्शन जालान, मनीष तिवारी, म्यूजिक एंड बैकग्राउंड स्कोर:समीर देसाई, प्रोडक्शन डिज़ाइन: परिजात पोद्दार,

एडिटर:दीपिका कालरा, सिनेमेटोग्राफी:सुदीप सेनगुप्ता, लिरिक्स:नीरज पांडेय, आर्ट डायरेक्शन:कृष्णा स्वैन, कास्टिंग: कास्टिंग बे

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