दे दे प्यार दे फिल्म रिव्यु

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दे दे प्यार दे फिल्म की लीड स्टार कास्ट
दे दे प्यार दे फिल्म की लीड स्टार कास्ट क्रेडिट-हॉटस्टार
प्लॉट: यह फिल्म लंदन बेस्ड एनआरआई की कहानी पर आधारित है, वह सेपरेटेड है और दो बच्चों का पिता भी है|और अपने से आधी उम्र की जवान लड़की के प्यार में है वह उसे अपनी फैमिली और बच्चों से मिलवाने इंडिया ले जाता है, पर वहां पर पहुंचते ही दोनों के सामने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियां बन जाती हैं और क्या वे उन परिस्थितियों का सामना कर पाएंगे? क्या वह उससे शादी और अपनी पत्नी और बच्चों को कन्विंस कर पाएगा और क्या वह और उसकी पत्नी दोबारा समझौता कर लेंगे? क्या वह उसे छोड़कर लंदन चली जाएगी? यह सब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी|

टोन और थीम: इस फिल्म की टोन रोमांटिक कॉमेडी है और थीम लव और रिलेशनशिप पर है इस फिल्म को बनाने का मकसद मनोरंजन के साथ साथ यह सन्देश देना भी है कि आज के समाज में रिलेशनशिप का क्या महत्व है| यह फिल्म रिलेशनशिप की जटिलता को दर्शाती है| यह भी बताती है कि पति पत्नी के रिश्ते की क्या अहमियत होती है| पत्नी क्या महसूस करती है जब दूसरी औरत पति की ज़िन्दगी में आ जाती है| पिता का मां-बाप और और बच्चों से क्या रिश्ता होता है?

एक्टिंग एंड कैरक्टर्स: आशीष के किरदार में अजय देवगन का अभिनय ठीक-ठाक कहा जा सकता है मुझे तो उनके अभिनय में कुछ भी नयापन नजर नहीं आया| स्टीरियोटाइप की तरह उनका रोल था| मंजू के किरदार में तब्बू भी ठीक-ठाक अभिनय कर गई, उनका इस प्रकार का अभिनय और रोल हम पहले भी देख चुके हैं| आयशा के किरदार में रकुल प्रीत सिंह का अभिनय शानदार था| और उन्होंने अपने रोल के साथ पूरा इंसाफ किया, वह इस रोल में पूरी तरह से फिट बैठती है, काफी हॉट एंड सेक्सी दिखती हैं और कॉस्ट्यूम बहुत ही मॉडर्न और सेक्सी पहने हैं| सपोर्टिंग कास्ट में सबने अपना अपना किरदार अच्छे से निभाया चाहे वह आलोक नाथ हो, कुमुद मिश्रा हो, जिमी शेरगिल हो या सनी सिंह हो|

डायरेक्शन: अकिव अलीने इस फिल्म को निर्देशित किया है यह उनकी फर्स्ट डेब्यू डायरेक्टोरियल है और साथ ही में वह फिल्म एडिटर भी है और बहुत सारी फिल्मों की एडिटिंग कर चुके है| जैसे यह जवानी है दीवानी(2013), बैंग बैंग(2014), काबिल(2017), सोनू के टीटू की स्वीटी(2018) आदि | इस फिल्म में उनका निर्देशन अच्छा है उन्होंने कहानी को कहीं से भी पटरी से उतरने नहीं दिया, पहली फिल्म होते हुए भी ऐसा नहीं लगता कि वह पहली फिल्म को निर्देशित कर रहे हो| कहानी इंटरमिशन के बाद दौड़ती है और अच्छी कही जा सकती है| फिल्म का सेकंड हाफ बहुत ही अच्छा कहा जा सकता है|

स्टोरी-स्क्रीनप्ले-डायलॉग्स: लव रंजन, सुरभि भटनागर, तरुण जैन ने कहानी-पटकथा-डायलाग लिखे है| कहानी तीन चरित्रों के इर्द-गिर्द घूमती है अंत में क्या होता है यह आपको फिल्म देख कर ही पता चलेगा| फर्स्ट हाफ में पटकथा थोड़ी सी कमज़ोर है लेकिन सेकंड हाफ में मजबूत है| डायलॉग डबल मीनिंग्स वाले हैं और ज्यादा इंग्लिश भाषा में है जिनको इंग्लिश अच्छे से नही आती होगी उनके ऊपर से निकल जाएंगे|

एडिटिंग: अकिव अली की फर्स्ट हाफ में एडिटिंग थोड़ी सी काटी जा सकती थी|

और फर्स्ट हाफ की गति धीमी है|

सिनेमैटोग्राफी: सुधीर के चौधरी की सिनेमेटोग्राफी की ठीक-ठाक है, लंदन और कुल्लू की लोकेशन बहुत अच्छे से दिखाई गई है|

बैकग्राउंड स्कोर: हितेश सोनिक का बैकग्राउंड स्कोर कुछ खास नहीं है|

कोरियोग्राफी: बॉसको सीजर की कोरियोग्राफी भी कुछ गीतों की बढ़िया है|

साउंड डिजाइन: सोहेल संवरी का साउंड डिज़ाइन कुछ खास नहीं है|

कॉस्ट्यूम डिजाइन: निहारिका खान, अकी नरूला की कॉस्ट्यूम डिजाइन विशेषकर रकुल प्रीत सिंह की बढ़िया की गयी है|

म्यूजिक: अमाल मलिक, रोचक कोहली, तनिष्क बागची, विपिन पटवा, मंज म्यूजिक, अतुल शर्मा, और गैरी संधू के संगीत में तीन-चार गाने बहुत ही अच्छे हैं, चले आना (अरमान मालिक) की आवाज़ में अच्छा बन पड़ा है, हौली हौली (नेहा कक्कर और गैरी संधू) पंजाबी तड़के के साथ मिक्स किया गया है, और दिल रोई जाये (अरिजीत सिंह) की आवाज़ में एक इमोशनल गीत है, एक गाना मुखड़े वेख के (सुरजीत बिंदरखिया) की आवाज़ में गाया हुआ पंजाबी गीत, दोबारा रीक्रिएट किया गया है|

लिरिक्स: कुमार, कुणाल वर्मा, मेलो डी, शमशेर संधू, गैरी संधू, तनिष्क बागची के लिखे गए

तीन गीत पंजाबी-हिंदी मिक्स के है|

प्रोडक्शन डिजाइन: शशांक टेरे का काम अच्छा है,

कुल्लू का घर हो या लंदन का बहुत अच्छे से सजाए गए है|

क्लाइमेक्स: हैप्पी एंडिंग वाला क्लाइमेक्स है|

ओपिनियन: ओवरआल फिल्म एक बार देखी जा सकती है|

रेटिंग: 5/10

CBFC: 3 कट्स में कटौती की गयी “वड्डी शराबन” गीत में, रकुल प्रीत सिंह के शराब की बोतल पकड़े हुए दृश्य की जगह फूलों का गुलदस्ता रखवाया गया|

“परफॉरमेंस बेटर होती है”, “मंजू जी के आलू ओ हो हो… वही अच्छे हैं..” और “कि ये सब झूठ हैं” डायलॉग्स हटाए गए और इनसे संबंधित सभी दृश्यों को हटा दिया गया।

फिल्म फैक्ट: इस फिल्म के टाइटल का सन्दर्भ अमिताभ बच्चन और जया प्रदा अभिनीत फिल्म शराबी, प्रकाश मेहरा द्वारा

निर्देशित जो कि 1984 में रिलीज़ हुई थी, के एक chartbuster

गीत देदे प्यार दे प्यार दे प्यार देदे हमें प्यार दे से लिया गया है |

खुद की पत्नी अपने पति के लिए दूसरी औरत को एक और चांस देने के लिए कहती है ऐसे आपने फिल्मों के सिवा असली ज़िन्दगी में कही नहीं देखा होगा| confrontation सीन बहुत अच्छा बन पड़ा है बेटी का रिश्ता टूट जाता है पिता अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए बेटी के लिए माफी मांगता है, यह इमोशनल दृश्य अच्छा बन पड़ा है| माता पिता किसके हैं अजय देवगन के या तब्बू के यह फिल्म के अंत तक पता चलता है| बेटी पिता से नाराज क्यों है इसका ठोस कोई कारण नहीं पता चलता| पूरा परिवार आशीष से नाराज है पता नहीं क्यों ?

CBFC-U/A Movietime: 2h14m Genre: Romantic Comedy Backdrop: London, Kullu Release: 17 May, 2019

फिल्म कास्ट: अजय देवगन, तब्बू, रकुल प्रीत सिंह, जिमी शेरगिल, जावेद जाफरी, आलोक नाथ

मधुमालती कपूर, कुमुद मिश्रा, राजवीर सिंह और सनी सिंह (मेहमान भूमिका)

प्रोडूसर: लव रंजन, अंकुर गर्ग, कृष्ण कुमार, भूषण कुमार, डायरेक्टर:अकिव अली, साउंड डिज़ाइन: सोहेल संवरी

कास्टूम डिज़ाइन: निहारिका खान, अकी नरूला, म्यूजिक:अमाल मलिक, रोचक कोहली, तनिष्क बागची, विपिन पटवा, मंज म्यूजिक,अतुल शर्मा, गैरी संधू

लिरिक्स: कुमार, कुणाल वर्मा, मेलो डी, शमशेर संधू, गैरी संधू, तनिष्क बागची

बैकग्राउंड स्कोर: हितेश सोनिक, प्रोडक्शन डिज़ाइन: शशांक टेरे, एडिटर: अकिव अली

सिनेमेटोग्राफी: सुधीर के चौधरी, कोरियोग्राफी: बॉसको सीजर, स्टोरी-स्क्रीनप्ले-डायलॉग्स: सुरभि भटनागर,लव रंजन, तरुण जैन, कास्टिंग डायरेक्टर: विक्की सिदाना


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