
परिचय
5 दिसंबर 2024 को रिलीज हुई पुष्पा 2 द रूल एक एक्शन ड्रामा पर आधारित है| जिसका निर्देशन बी.सुकुमार ने किया है यह फिल्म मनोरंजन के साथ-साथ एक संदेश भी देती है कि आज भी पुलिस महकमे में भ्रष्टाचार और अवैध तस्करी का धंधा फैला है, और गरीबों को दबाया जाता है| फिल्म का टोन एक्शन ड्रामा और थीम क्रीम है| फिल्म अपने ट्रेलर के मुताबिक पर्दे पर बिल्कुल वैसी ही दिखाई देती है| पुष्पा 2 मूवी की मुख्य भूमिकाओं में अल्लू अर्जुन, रश्मिका मंदाना, जगपति बाबू, जगदीश प्रताप भंडारी, राव रमेश, अनसूया भारद्वाज, सुनील, धनंजय, और फहद फाजिल है| मेहमान भूमिका में श्रीलीला (किस्सिक गीत में)
पुष्पा 2 द रूल ट्रेलर (क्रेडिट:ट्रेलर/मैथ्री मूवी मेकर्स/सुकुमार राइटिंग)
पुष्पा 2 के नियम क्या है?
अगर कोई जंगल में दो कदम पीछे ले तो समझो शेर आया है, लेकिन जब शेर ही दो कदम पीछे ले तो समझो पुष्पा आया है| यानी पुष्पा को कुछ नहीं हुआ, पुष्पा जिंदाबाद|
पुष्पा 2 का टोटल वर्ल्डवाइड कलेक्शन कितना है?
1871 करोड़
पुष्पा 2 द रूल की कहानी क्या है?
पुष्पा द राइज की कहानी को आगे बढ़ाते हुए जिसमें पुष्पा गिरोह का सारा काम संभाल लेता है, और हेड बन जाता है| पुष्पा 2: द रूल में उसका मुकाबला भंवर सिंह शेखावट से होता रहता है|
पुष्पा 2 को मोबाइल पर कैसे देखें?
पुष्पा 2 मोबाइल पर देखने के लिए, आप नेटफ़्लिक्स ऐप्लिकेशन डाउनलोड कर सकते हैं|
पुष्पा 2 कैसे देखें?
पुष्पा 2 द रूल नेटफ्लिक्स पर देखें। (रीलोडेड वर्जन)
पुष्पा 2 हिट या फ्लॉप
ब्लॉकबस्टर
पुष्पा 2 रिलीज हुई या नहीं
हाँ, 5 दिसंबर 2024 रिलीज़ हो गई|
पुष्पा 2 के लिए अल्लू अर्जुन की फीस
मीडिया रिपोर्ट्स के अकॉर्डिंग 300 करोड़ फीस ली है|
प्लॉट
पुष्पा द राइज की कहानी को आगे बढ़ाते हुए जिसमें पुष्पा गिरोह का सारा काम संभाल लेता है, और हेड बन जाता है| पुष्पा 2: द रूल में उसका मुकाबला भंवर सिंह शेखावट से होता रहता है| फिल्म की शुरुआत जापान के योकोहामा पोर्ट से होती है जहाँ पुष्पा को गोली मार दी जाती है, और वह समुद्र में गिर जाता है, और कहानी फ्लैशबैक में चली जाती है| क्या पुष्पा मर जाता है? क्या पुष्पा अपनी ताकत को बरकरार रख पाएगा? क्या वह शेखावट से मुकाबला कर पाएगा? यह सब जानने के लिए आप पुष्पा 2 द रूल देखें
एक्टिंग एंड कैरक्टर्स
पुष्पा की भूमिका में अल्लू अर्जुन के बारे में अब मैं क्या ही लिखूं, इससे बढ़िया उनका अभिनय नहीं हो सकता| उन्होंने अपनी भूमिका को गहराई से समझते हुए, जिस तरह से निभाया है, जहाँ उनके अभिनय के हर पहलू, चाहे डायलॉग बोलने की कला हो, गोल्ड पहनने और कंधा उठा के चलने का स्टाइल हो, कपड़े पहनने का तरीका हो, बैठने का स्टाइल हो, सिगरेट पीने की कला हो, चेहरे के हाव-भाव हो, बॉडी लैंग्वेज हो, उनकी पर्सनैलिटी हो, उनके दूसरे अभिनेताओं से केमिस्ट्री हो या फिर अभिनय में स्थिरता हो, हर तरह से वह अव्वल नज़र आये| कहानी पर उनकी भूमिका का असर हो, एक्शन के दृश्य हो, उनके खतरनाक स्टंट्स हो, वह पूरी तरह से दर्शकों के मस्तिष्क पर छा गए| वह एक बार फिर दोबारा से इस फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरुस्कार के मजबूत दावेदार है| श्रीवल्ली की भूमिका में रश्मिका मंदाना का अभिनय भी लाजवाब रहा| वह फिल्म में बहुत खूबसूरत नजर आई और उन्होंने बहुत सुंदर साड़ियां भी पहनी है| वह नृत्य करने में बहुत अनुभवी है, उनके कुछ गीतों में नृत्य बहुत ही जबरदस्त है| पुष्पा द राइज से ज्यादा उनकी इस फिल्म में अच्छी खासी भूमिका है| कुछ दृश्यों में वह बहुत दमदार अभिनय करती हुई नजर आई, जैसे काली माता वाले गीत के बाद के दृश्य में, जहां वह पुष्पा के बड़े भाई को बहुत बुरा भला बोलती है| भंवर सिंह शेखावट की भूमिका में फहद फासिल ने भी बेहतरीन और दमदार अभिनय किया है| उन्होंने नकारात्मक भूमिका निभाई और वह उसमें जमे भी है| वह मलयालम फिल्मों के जाने-माने कलाकार है| दक्षिण भारतीय होते हुए भी उनका राजस्थानी उच्चारण शानदार रहा, इस से पता चलता है कि वह कितने प्रतिभाशाली अभिनेता है| केशव की भूमिका में जगदीश प्रताप भंडारी का अभिनय भी प्रभावशाली है| कुछ दृश्यों में उनका अभिनय बहुत ही शानदार है| सहायक भूमिकाओं में जगपति बाबू और राव रमेश का अभिनय भी अच्छा कहा जा सकता है| सुनील, अनसूया भारद्वाज और धनंजय ने भी बढ़िया अभिनय किया है|
निर्देशन
पुष्पा 2 द रूल फिल्म का निर्देशन बी.सुकुमार ने किया है जो तेलुगू फिल्मों के सबसे सफल निर्देशकों में गिने जाते है| इस फिल्म से पहले वह 100% लव (2011), नेनोककादीन (2014), 1: नाननाकुप्रेमथो (2016), और रंगस्थालम (2018) और पुष्पा: द राइज (2021) जैसी सफल फिल्मों का निर्देशन कर चुके है| उनकी इस फिल्म ने पिछली सभी फिल्मों के कमाई के मामले में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए विशेषकर पुष्पा: द राइज (2021) के| बी. सुकुमार का निर्देशन पुष्पा द राइज के मुकाबले बहुत जबरदस्त रहा, उन्होंने इस फिल्म की कहानी को बहुत ही मजबूती से अलग ढंग से लिखा है, फिल्म के हर पहलू में उनकी सक्रियता साफ नजर आती है| कुछ दृश्यों में, जैसे पुलिस स्टेशन में सारे पुलिस वालो को सैलरी के साथ पेंशन सहित बाँटने, पुष्पा का शेखावट को सॉरी कहने, नदी के रास्ते 2000 टन लकड़ियाँ ले जाने, और इसी दृश्य के बाद जहाँ पुष्पा, शेखावट से कोड भाषा में बात करता है और बम फट जाता है| फिल्म शुरू से लेकर अंत तक दर्शकों का ध्यान बनाए रखती है, उन्होंने हर अभिनेता के पात्रों को प्राकृतिक रूप से दर्शाया है, जो फिल्म की प्रामाणिकता को बढ़ाता है| उन्होंने फिल्म को पुष्पा द राइज से कई गुना ज्यादा मनोरंजक बनाया है| उन्होंने छोटे नगर की संस्कृति को खूबसूरती से दिखाया| वह फिल्म में नया और अनोखा दिखाने में सफल रहे| वह पूरी तरह से दर्शकों की उम्मीदों और भावनाओं से जुड़े दिखे|
कहानी-पटकथा
बी.सुकुमार ने पुष्पा 2 द रूल की कहानी-पटकथा पुष्पा द राइज से बहुत बेहतर लिखी है| उन्होंने इस फिल्म में बहुत सारी घटनाओं को सम्मलित किया है| पटकथा एकदम कड़क और कहानी बिल्कुल निर्बाध है, जो दर्शकों की दिलचस्पी को बनाए रखती है| पूरी फिल्म एक गति के समान चलती है| फिल्म के अंत के दृश्यों को बहुत शानदार तरीके से लिखा गया है| डायलॉग बहुत ही प्रभावपूर्ण है, जो एक दृश्य को दूसरे दृश्य के बदलाव को सुचारू रूप से दिखाता है| कुछ दृश्यों को प्रभावी रूप से रचा गया है, जो कहानी में नए मोड़ और भावनात्मक पलों पर प्रभाव डालते है पटकथा पात्रों के निर्माण करने में मदद करती है|

डायलॉग
पुष्पा 2 द रूल के डायलॉग का क्या कहना जिसे श्रीकांत विस्सा और वीरेंद्र सिंह शेखावट ने बहुत ही मजेदार और मजबूत लिखे हैं| डायलॉग को हिंदी भाषा में लिखते वक़्त बहुत ध्यान दिया गया है| डायलॉग को फिल्म की जान कहा जा सकता है| एक अच्छी फिल्म बनाने में डायलॉग की बहुत बड़ी भूमिका होती है जो इस फिल्म में कहीं से भी कमतर नजर नहीं आती| कुछ लोकप्रिय डायलॉग इस प्रकार से है
- पुष्पा का प्रसाद, मंदिर के प्रसाद जैसा है मना नहीं करने का ले लेने का
- मैं हरगिज नहीं झुकेगा, नहीं साला
- दम है तो रोक के बता शेखावत, रोक लिया तो छोड़ देगा मैं सिंडिकेट, उठाएगा कुल्हाड़ी कमायेगा दिहाड़ी, आई शपथ करेगा मैं अक्खी जिंदगी मजदूरी
- पुष्पा सॉरी बोलना फायर नहीं फ्लावर है
- तो काली मां की कसम, जैसे बकरे की बलि दी जाती है, वैसे रप्पा रप्पा काटूंगा एक-एक को
सिनेमैटोग्राफी
मैरोस्लो क्यूबा ब्रॉजेक की सिनेमैटोग्राफी साँसे फुला देने वाली है, जो कहानी के हर भाव को विस्तार से व्याख्या करती है| नयेपन से संबंधित कैमरे एंगल्स और सुचारू रूप से गति का इस्तेमाल किया गया है| कुछ एरियल व्यूज दृश्य बहुत ही सुंदर दिखते है| कुछ दृश्य जैसे 2000 टन लकड़ियाँ ले जाने वाला, रामेश्वरम से लकड़ियाँ नावों से ले जाने वाला, और योकोहामा पोर्ट पर फिल्माया गया दृश्य, सभी प्रतिष्ठित बन गए है| फिल्म की टोन और थीम के मुताबिक रोशनी और रंग कहानी को सहारा देते हैं| दृश्यों की फ्रेमिंग और डिजाइनिंग बहुत आकर्षक, सुंदर और, सार्थक है|
एडिटिंग
पुष्पा 2 द रूल की एडिटिंग की गति एकदम कसी हुई है, जिसे नवीन नूली ने की है| जो कहानी को निर्बाध तेज और मनोरंजक बनाती है| फिल्म की लंबाई बहुत ज्यादा है, पर फिल्म कहीं से भी बिल्कुल भी बोर नहीं करती| फिल्म की एडिटिंग टोन और थीम के साथ मैच करती है| एडिटिंग से फिल्म की कहानी स्पष्ट और समझने योग्य है|
प्रोडक्शन डिजाइन
पुष्पा 2 द रूल का प्रोडक्शन डिजाइन रामकृष्णा सब्बानी और मोनिका निगोत्रे ने किया है| उन्होंने गांव के सेट्स काफी वास्तविकता और जटिलता से डिजाइन किए गए हैं, जो दर्शकों को कहानी के वातावरण में ले जाते हैं| फिल्म के डिजाइन समय के अनुसार और सांस्कृतिक बारीकियां को अच्छे से पेश करता है| अलग तरह के रंग और विजुअल कहानी के टोन और थीम से मेल खाते है| प्रोडक्शन डिजाइन ने एक अलग तरह का एहसास दिलाने वाला और फिल्म में खो जाने वाली दुनिया बनाई है|
कोरियोग्राफी
पुष्पा 2 द रूल की कोरियोग्राफी गणेश आचार्य, पोलाकी विजय, प्रेम रक्षित, और श्रेष्ठी वर्मा की देखने लायक है| डांस स्टेप्स बहुत ही इन्नोवेटिव है, जो काफी प्रभावशाली है| जो दर्शकों को सीट से बांधे रखते है| पीलिंग्स और किस्सिक (श्रीलीला)के डांस मूव्स और हाव-भाव प्रभावित करते है, जो गीत के इमोशंस को दर्शाते है| फिल्म की कोरियोग्राफी गानों और थीम के साथ align है| नृत्य की शैली गानों और कहानी के संदर्भ में सही लगती है| हाई एनर्जी नृत्य वाले गाने दर्शकों को सीट से उठकर नाचने के लिए इंस्पायर करते है| सभी गानों में अलग-2 कैमरे एंगल्स और मूवमेंट्स कोरियोग्राफी को और खूबसूरत बना देते है| कोरियोग्राफी पूरी तरह से कहानी का हिस्सा लगती है| पुष्पा पुष्पा के डांस सीक्वेंस और मूव्स आइकन और यादगार बन पड़े है|

कॉस्ट्यूम डिजाइन
पुष्पा 2 द रूल की कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग जिसे दीपाली नूर और शीतल शर्मा (हीरो) ने की है| खासकर पुष्पा के व्यक्तित्व, काम और भावनाओं को पूरी तरह से रिप्रेजेंट करते हैं| उनके कॉस्ट्यूम लोकल कलर और परंपरा को शोकेस करते है| कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग विजुअल अपीलिंग और सौंदर्य प्रदान है| फिल्म की कहानी और दृश्यों के टोन के साथ-साथ align करते है| चरित्रों के ट्रांसफॉर्मेशन और निर्माण को दिखाते है|
बैकग्राउंड स्कोर
पुष्पा 2 द रूल का बैकग्राउंड स्कोर देवी श्री प्रसाद ने दिया है, एडिशनल बैकग्राउंड स्कोर सैम.सी.एस का है| कहानी और दृश्यों के मूड को बढ़ाते हुए बहुत ही दमदार और प्रभावशाली है| जो दर्शकों को एक अलग तरह से देखने का एहसास कराता है| साउंड इफैक्ट्स जो एक्शंस और इमोशनल ड्रामा वाले दृश्यों को अलग बनाता है| बैकग्राउंड स्कोर फिल्म में इमोशंस को बढ़ाता है|
साउंड डिजाइन
पुष्पा 2 द रूल का साउंड डिजाइन रसूल पोकुट्टी, विजय कुमार का एक्शन और ड्रामा वाले दृश्यों को शानदार बनाता है| डायलॉग की क्लेरिटी थोड़ी सी साफ नहीं है| जंगल वाले दृश्य एक्शंस वाले और पानी वाले दृश्यों का साउंड इफेक्ट सुनने में असली लगता है| साउंड डिजाइन फिल्म के विजुअल के साथ-साथ सिंक है| साउंड डिजाइन में नयापन और यूनिक है|
श्रेणियाँ | नाम/रिलीज़/शैली/रेटिंग/सारांश |
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डायरेक्टर | सुकुमार |
कास्ट | अल्लू अर्जुन, रश्मिका मंदाना, जगपति बाबू, जगदीश प्रताप भंडारी, राव रमेश, अनसूया भारद्वाज, सुनील, धनंजय, और फहद फाजिल |
रिलीज़ तारीख | 21 दिसंबर, 2024 |
फिल्म शैली | एक्शन ड्रामा |
CBFC | U/A |
बैकड्रॉप | आंध्र प्रदेश |
मूवी टाइम | 3 घंटे 44 मिनट |
संगीत
पुष्पा 2 द रूल का संगीत देवी श्री प्रसाद ने दिया है, उनका संगीत बहुत ही सुरीला और मंत्रमुग्द कर देने वाला है| मुझे उनके पुष्पा द राइज के संगीत से ज्यादा इस फिल्म का संगीत बढ़िया लगा| उनके सभी गीतों का संगीत अलग सा है| नक्श अज़ीज़ और मीका सिंह की आवाज में पुष्पा पुष्पा बहुत बढ़िया बन पड़ा है| श्रेया घोषाल की आवाज में अंगारों बहुत ही सुरीला और मधुर संगीत से भरा हुआ गीत है| सुबलाहषिणि और लोथिका की आवाज में किस्सिक भी एक तड़क-भड़क जैसे संगीत से भरा हुआ गीत है| जावेद अली और मधुबंती बागची की आवाज में पीलिंग्स भी एक रोमांटिक फुट स्टेपिंग गीत है| कैलाश खेर की आवाज में काली माँ काली एक धमाकेदार गीत है|
गीतकार
पुष्पा 2 द रूल में रकीब आलम के लिखे हुए सभी गीत सही ढंग से हिंदी में नहीं लिखे गए हैं| शायद वह तेलुगु भाषा के गीतों को हिंदी भाषा में सही से बदलाव नहीं कर पाए| सभी गीतों के बोल पूरी तरह से हिंदी से मेल नहीं खाते| जितना अच्छा संगीत है उसके मुकाबले गीत अच्छे से मैच नहीं करते| तेलुगू भाषा से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते, शायद लगता है कि गीतकार को तेलुगू भाषा पर ज्ञान थोड़ा कमजोर है, और कमजोर गीत लिखे है| गीतों में क्रिएटिविटी की कमी नजर आती है|
एक्शन
पुष्पा 2 द रूल में पीटर हैन, कीचा और नबाकान्त के एक्शन्स और स्टंट्स फिल्म की सबसे बड़ी USP कही जा सकती है, योकोहामा पोर्ट वाला एक्शन दृश्य बहुत ही खतरनाक तरीके से फिल्माया गया है| पुष्पा के काली माता के गेटअप वाला एक्शन दृश्य तो देखते ही बनता है| क्लाइमेक्स वाला एक्शन दृश्य भी बहुत ही शानदार और दमदार है, जो फिल्म को एक अलग ही स्तर पर ले जाता है| समुद्र पर बॉट्स के द्वारा फिल्माया गया एक्शन दृश्य| दर्शकों की आंखें खुली की खुली रह जाती है| और रोंगटे खड़े कर देती है|
क्लाइमेक्स
क्लाइमेक्स बहुत ही जबरदस्त फिल्माया गया है| यूनिक और कुछ नयापन लिए हुए और अलग तरह का है| ऐसे क्लाइमेक्स फिल्मों में कम ही देखने को मिलते है| इतना बढ़िया, शानदार और दमदार बनाया गया है, जो दर्शकों को पुष्पा 3: द रैम्पेज की एक झलक भी दे देता है कि अगले पार्ट में क्या होगा|
पुष्पा 2 द रूल के पोस्ट-क्रेडिट दृश्य में, कहानी को रोमांचक ढंग से आगे बढ़ाया गया और तीसरे भाग का नाम पुष्पा 3: द रैम्पेज बताया गया।
रेटिंग
****
ओपिनियन
अल्लू अर्जुन की शानदार, धमाकेदार, और दमदार परफॉर्मेंस के लिए, अच्छे मधुर संगीत, अलग तरह के बैकग्राउंड स्कोर, यूनिक कोरियोग्राफी, खतरनाक एक्शन और स्टंट्स, लुभावनी सिनेमेटोग्राफी और मज़ेदार डायलॉग्स के लिए बार-बार देख सकते हैं|
पुष्पा 2 द रूल के कलाकार: अल्लू अर्जुन, रश्मिका मंदाना, जगदीश प्रताप भंडारी, धनंजय, राव रमेश, सुनील, अनसूया भारद्वाज और फहद फाजिल
प्रोडूसर: नवीन येरनेनी, रवि शंकर यालामंचली, डायरेक्टर: बी.सुकुमार, साउंड डिज़ाइन: रसूल पोकुट्टी, विजय कुमार, कास्टूम डिज़ाइन: दीपाली नूर और शीतल शर्मा(हीरो) म्यूजिक: श्री देवी प्रसाद, लिरिक्स: रकीब आलम, बैकग्राउंड स्कोर: श्री देवी प्रसाद, प्रोडक्शन डिज़ाइन: रामकृष्णा, सब्बानी, मोनिका निगोत्रे, एडिटर: नवीन नूली, सिनेमेटोग्राफी: मैरोस्लो क्यूबा ब्रॉजेक, कोरियोग्राफी: गणेश आचार्य, पोलाकी विजय, प्रेम रक्षित,और श्रेष्ठी वर्मा ,डायलॉग्स: श्रीकांत विस्सा, वीरेंद्र सिंह शेखावट, स्टोरी-स्क्रीनप्ले: बी.सुकुमार
तथ्य
श्रेयस तलपड़े ने अल्लू अर्जुन की आवाज़ को हिंदी में डब किया है| उन्होंने पुष्पा द राइज में भी की थी| यह फिल्म हिंदी, अंग्रेजी, कन्नड़, तमिल, मलयालम और बंगाली में भी डब करके रिलीज़ की गई है|
पुष्पा 2 हिंदी मूवी : सबसे लम्बी भारतीयों फिल्मों में से एक है, 3 घंटे और 44 मिनट की|
विवाद
24 नवंबर 2024 को चेन्नई में प्री-रिलीज इवेंट में, म्यूजिक डायरेक्टर देवी श्री प्रसाद ने प्रोडूसर्स को उनके खिलाफ लगातार की गई शिकायतों के लिए दोषी ठहराया कि वे समय पर बैकग्राउंड स्कोर नहीं दे पाए और गाने नहीं दे पाए। उनका कहना था कि प्रोडूसर्स को प्यार से अधिक शिकायतें हैं। बाद में कार्यक्रम में, प्रोडूसररवि शंकर यालामंचली ने विवाद से इनकार करते हुए कहा कि कोई समस्या नहीं है और वे एक परिवार की तरह हैं। समाचारों में बताया गया था कि देवी श्री प्रसाद ने समय पर बैकग्राउंड स्कोर देने में देरी की वजह से थमन एस, बी अजनीश लोकनाथ और सैम सी.एस को बैकग्राउंड स्कोर बनाने के लिए नियुक्त किया गया था। यह बहस तब भी हुई जब जी. वी. प्रकाश कुमार ने देवी श्री प्रसाद की जगह ले ली, जो आगामी गुड बैड अगली (2025) के निर्माता भी हैं। सैम सी.एस. ने बाद में फिल्म के बैकग्राउंड स्कोर में अपनी भूमिका की पुष्टि की।
श्रीनिवास गौड़ ने 30 नवंबर 2024 को मुंबई में एक प्रेस वार्ता में अल्लू अर्जुन के खिलाफ एक FIR दर्ज की, जहां उन्होंने अपने फैंस को “सेना” के रूप में संदर्भित किया था। गौड़ ने इस तुलना को अपमानजनक बताया और कहा कि इस संदर्भ में “सेना” शब्द सशस्त्र बलों द्वारा किए गए बलिदानों को कम करता है।
फिल्म पर बैन लगाने की मांग करते हुए दिसंबर 2024 में तेलंगाना उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई, क्योंकि फिल्म में भ्रष्टाचार, हिंसा और अवैध तस्करी दिखाई गई थी. हालांकि, याचिका खारिज कर दी गई।
4 दिसंबर 2024 को, आरटीसी एक्स रोड्स के पास एक फिल्म के प्रीमियर के दौरान हैदराबाद में एक भगदड़ में एक महिला की मौत हो गई, जबकि उसका छोटा बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया। फिल्म की टीम अल्लू अर्जुन, उनकी सुरक्षा टीम और थिएटर के मालिक पर बाद में आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। 13 दिसंबर 2024 को अल्लू अर्जुन को उक्त आरोपों में हैदराबाद सिटी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तेलंगाना उच्च न्यायालय ने हालांकि कुछ घंटों बाद उन्हें अंतरिम जमानत दे दी।
पुष्पा 2 द रूल का टोटल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन वर्ल्डवाइड कितना है?
1871 करोड़
पुष्पा 2 कब रिलीज हुई
5 दिसंबर 2024 को रिलीज हुई
पुष्पा 2 द रूल जैसी फिल्में
पुष्पा : द राइज
पुष्पा 2 फुल मूवी
ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ़्लिक्स और सॅटॅलाइट राइट्स जिओस्टार नेटवर्क पर देख सकते है|
पुष्पा 2 मूवी डाउनलोड
इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है|
पुष्पा 2 रिलीज डेट
5 दिसंबर 2024