
परिचय
23 मई 2025 को रिलीज हुई भूल चूक माफ़ एक कॉमेडी ड्रामा पर आधारित है| जिसका निर्देशन करन शर्मा ने किया है| यह फिल्म मनोरंजन के साथ-साथ एक संदेश भी देती है कि पैसे देकर किसी की सरकारी नौकरी न खाएं, जो डिजर्व करता है, उसे ही मिलनी चाहिए| फिल्म का टोन कॉमेडी ड्रामा और थीम लव और रिलेशनशिप है| फिल्म अपने ट्रेलर के मुताबिक पर्दे पर बिल्कुल अलग तरह से दिखाई देती है| फिल्म की मुख्य भूमिकाओं में राजकुमार राव, वामीका गब्बी, सीमा पाहवा, रघुबीर यादव, जाकिर हुसैन और अनुभा फतेहपुरियाऔर मेहमान भूमिका में संजय मिश्रा है|
भूल चूक माफ़ ट्रेलर (क्रेडिट: मैडॉक फिल्म्स/ दिनेश विजन/अमेज़न MGM स्टूडियोज)
भूल चूक माफ़ रिलीज डेट
23 मई, 2025
भूल चूक माफ़ बॉक्स ऑफिस कलेक्शन
54.12 करोड़
भूल चूक माफ़ मूवी ओटीटी
अमेज़न प्राइम वीडियो
भूल चूक माफ़ इन हिंदी
भूल चूक माफ़ मूवी हिंदी में ही रिलीज़ हुई है|
भूल चूक माफ़ बजट
50 करोड़
भूल चूक माफ़ फुल मूवी
भूल चूक माफ़ फुल मूवी अभी आप सिनेमा हाल और मल्टीप्लेक्सेज में ही देख सकते है|
भूल चूक माफ़ मूवी स्टोरी
यह फिल्म एक ऐसे लड़के और लड़की की कहानी पर आधारित है, जो शादी करना चाहते है, लेकिन लड़की के पिता की शर्त यह है कि लड़के की सरकारी नौकरी होनी चाहिए| क्या लड़के की सरकारी नौकरी लग जाएगी? अगर उसकी सरकारी नौकरी नहीं लगती तो क्या वे दोनों घर से भाग जाएंगे? क्या लड़की के पिता उसकी शादी कहीं और कर देंगे? यह सब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी
अभिनय और पात्र
रंजन की भूमिका में राजकुमार राव ने अपने चरित्र को एक औसत दर्जे का अभिनय करके निभाया है, मुझे उनकी भूमिका में कुछ भी खास और नया नजर नहीं आया| इस प्रकार की भूमिकाओं को वह पहले भी कई फिल्मों में निभा चुके है, वह अपने को दर्शकों से जोड़ने में नाकामयाब साबित हुए| उनकी डायलॉग डिलीवरी हो या फिर बॉडी लैंग्वेज दोनों ही औसत दर्जे की रही| कुछ दृश्यों में वह दर्शकों को काफी बोर करते हुए भी नजर आए| कुल मिलाकर वह पूरी तरह से अभिनय के मामले में कमजोर साबित हुए|
तितली की भूमिका में वामीका गब्बी का अभिनय बढ़िया कहा जा सकता है, उन्होंने अपनी भूमिका के साथ पूरा इंसाफ किया| उनके कुछ दृश्यों में अभिनय लाजवाब है, जैसे सगाई वाला दृश्य और फिल्म के अंत वाला दृश्य| वह फिल्म में खूबसूरत भी नजर आई| उनकी डायलॉग डिलीवरी, बॉडी लैंग्वेज और चेहरे के हाव-भाव मजेदार कहे जा सकते हैं| उनकी कॉमिक टाइमिंग भी कमाल की है| सहायक भूमिकाओं में सीमा पाहवा, रघुबीर यादव, जाकिर हुसैन और अनुभा फतेहपुरिया का अभिनय भी अच्छा है| भगवान दास की मेहमान भूमिका में संजय मिश्रा का अभिनय भी बेहतरीन है, वह कॉमेडी भूमिका बहुत अच्छे से करते है और जंचे भी हैं|
निर्देशन
इस फिल्म का निर्देशन करन शर्मा ने किया है, यह उनकी पहली हिंदी निर्देशित फिल्म है| कहानी में कुछ खास नयापन तो नहीं है| 2013 में रिलीज हुई आयुष्मान खुराना और अनन्या पांडे अभिनीत और राज शांडिल्य निर्देशित फिल्म ड्रीम गर्ल 2 से प्रेरित लगती है| इंटरवल तक फिल्म दर्शकों को बांधे रखने में कामयाब रही लेकिन इंटरवल के बाद फिल्म पूरी तरह से पटरी से उतरते हुए नजर आई| निर्देशक कुछ कलाकारों से अच्छा अभिनय निकलवाने में सफल रहे|
हालांकि वह फिल्म का टोन बरकरार रखने में भी कामयाब रहे, कुछ दृश्यों का निर्देशन बेहतरीन कहा जा सकता है, जैसे राजकुमार राव का मंदिर में मन्नत मांगने वाला दृश्य, सगाई वाला दृश्य, गमले वाला दृश्य और फिल्म के क्लाइमेक्स में राजकुमार राव का डांस करने वाला दृश्य, वह दर्शकों की भावनाओं और उम्मीदों से जुड़ाव नहीं रख पाए और सरकारी नौकरी वाला मुद्दा सही ढंग से पेश नहीं कर पाए| फिल्म की गति को सेकंड हाफ में एक समान रखने में असफल रहे|
कहानी-पटकथा-डायलॉग
करन शर्मा ने भूल चूक माफ़ की कहानी-पटकथा-डायलाग लिखे है जो बहुत ही घिसी पिटी है और ऐसी फिल्में हम पहले भी कई बार देख चुके है| कहानी में कुछ नयापन और ताजा नहीं है| पटकथा भी बहुत कमजोर लिखी गई है, इंटरवल तक कहानी में कुछ भी नया नहीं है| फिल्म का दूसरा हिस्सा बहुत ही कमजोर लिखा गया है| फिल्म की गति भी कमजोर है और दर्शकों की दिलचस्पी बनाए रखने में असफल रही|
सिर्फ फिल्म के डायलॉग ही मजेदार और हँसाने वाले लिखे गए हैं और सभी चरित्रों से पूरी तरह मेल खाते है| डायलॉग को फिल्म का मजबूत पक्ष कहा जा सकता है| मंदिर वाले और सगाई वाले दृश्यों के डायलॉग बहुत ही हंसाने वाले और मजेदार है|

सिनेमैटोग्राफी
सुदीप चैटर्जी की सिनेमैटोग्राफी अच्छी कहीं जा सकती है| एरियल व्यूज दृश्य बहुत ही शानदार है| वाराणसी शहर और गंगा जी के दृश्यों को अच्छे से फिल्माया गया है| अलग-अलग कैमरा एंगल्स और मूवमेंट्स को इस्तेमाल किया गया है| फिल्म की लाइटिंग, फ्रेमिंग और रंगों की ग्रेडिंग औसत दर्जे की है|
एडिटिंग
मनीष मदन प्रधान की एडिटिंग धीमी गति की है, सेकंड हाफ बहुत ही धीमी गति से चलता है और कहीं-कहीं पर फिल्म बहुत बोर करती है| फिल्म की लंबाई ठीक है| कॉमेडी टोन को बरकरार रखने में कामयाब रही|
कोरियोग्राफी
विजय गांगुली की कोरियोग्राफी का फिल्म में ज्यादा स्कोप नहीं है, कुछ खास डांस सीक्वेंस नहीं है सिवाय 2007 में रिलीज हुई फिल्म लव आज कल का एक गीत चोर बाज़ारी की कोरियोग्राफी अच्छी कहीं जा सकती है|
श्रेणियाँ | नाम/रिलीज़/शैली/रेटिंग/सारांश |
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डायरेक्टर | करन शर्मा |
कास्ट | राजकुमार राव, वामीका गब्बी, सीमा पाहवा, रघुबीर यादव, जाकिर हुसैन और अनुभा फतेहपुरिया, और मेहमान भूमिका में संजय मिश्रा |
रिलीज़ तारीख | 23 मई 2025 |
फिल्म शैली | कॉमेडी ड्रामा |
CBFC | U/A |
बैकड्रॉप | वाराणसी |
मूवी टाइम | 2 घंटे 1 मिनट |
प्रोडक्शन डिजाइन
अमित रे और सुब्रत चक्रवर्ती के सेट्स और लोकेशंस विश्वसनीय लगते हैं, टोन और थीम के अकॉर्डिंग बनाए गए हैं| वाराणसी शहर की सांस्कृतिक बारीकियां को अच्छे ढंग से दिखाया गया है|
कॉस्ट्यूम डिजाइन
शीतल इकबाल शर्मा ने कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग बहुत ही अच्छी से की है, खासकर वामीका गब्बी की, जिन्होंने बहुत ही सुंदर सलवार कमीज पहने है, बाकी कलाकारों की भी ठीक-ठाक है|
साउंड डिजाइन
सुभाष साहू का साउंड डिजाइन प्रभावी और प्राकृतिक है, डायलॉग क्लेरिटी और मिक्सिंग ठीक-ठाक है, विजुअल्स के साथ पूरी तरह से सिंक्रोनाइज है|
बैकग्राउंड स्कोर
केतन सोढा का बैकग्राउंड स्कोर, टोन और थीम के अनुसार तो है, लेकिन मजबूत नहीं कहा जा सकता, औसत दर्जे का है|
संगीत
तनिष्क बागची का म्यूजिक पूरी तरह से कमज़ोर है, ऐसा एक भी गीत फिल्म में नहीं है जो मंत्रमुग्द कर दे और संगीतबद्द हो और जिस पर दर्शकों को धड़कने का मन हो| सिर्फ एक गीत चोर बाज़ारी बढ़िया है, जो पुरानी फिल्म लव आज कल 2007 में रिलीज हुई फिल्म में से लिया गया है|
भूल चूक माफ़ मूवी गाने
इरशाद कामिल के लिखे गए गीत ठीक ठाक कहे जा सकते है|
रेटिंग
**
क्लाइमेक्स
भूल चूक माफ़ का क्लाइमेक्स ठीक-ठाक है कुछ भी नया नहीं है, ऐसा लगता है कि हम पहले भी कई फिल्मों में इस प्रकार के क्लाइमेक्स देख चुके हैं|
राय
भूल चूक माफ़ में कुछ नया तो नहीं है लेकिन कॉमेडी फिल्मों को पसंद करने वाले दर्शक और मजेदार डायलॉग के लिए एक बार देख सकते हैं|
कमियां
कुछ दृश्यों को बार-बार रिपीट दिखाया गया है| तारीख वाला कांसेप्ट बहुत ही अनलॉजिकल लगता है और फिल्म की कहानी से बिल्कुल भी मेल नहीं खाता, इसी को लेकर कम से कम 45 मिनट की फिल्म खींच दी गई, जो पूरी तरह से बोर करती है और दर्शकों के सब्र का इम्तिहान लेती है और रही सही कसर क्लाइमेक्स ने निकाल दी|